Trending Now




https://youtu.be/aSrw5MC0zFY

देशनोक। यज्ञ,हवन,पूजा-पाठ जैसे अनुष्ठान के समापन पर अक्सर ‘ प्राणियों में सद्भावना हो’ , ‘जीव मात्र का कल्याण हो’ के जयकारे लगाकर हम इतिश्री कर लेते है। इन्हें साकार करने का साहस काम ही लोग करते है ,लेकिन करणी धाम देशनोक के चंद युवा विद्यार्थियों ने लॉकडाउन काल के समय का सदुपयोग करते हुए ऐसे जयकारों को धरातल पर साकार करने का बीड़ा उठाया।देशनोक की पूर्वी गोचर में बेसहारा पशु , वन्य जीव-जंतु व पक्षीयो के लिए जलकेन्द्र बनाने की ठानी। कहते है कि नेक कार्य करने का मज़बूत इरादा और मन मे कुछ करने का जज्बा हो तो संसाधन आड़े नही आता बल्कि ईश्वर भी मदद करता है।विद्यार्थी युवाओ का साथी जयसिंह देपावत बताते है कि हमने “मरुधर केसरी युवा संगठन” नाम से फेसबुक पेज बनाया जिससे हमारे युवा साथी इस अभियान से जुड़ने लगे।प्रारम्भिक दौर में सभी अपने-अपने घर से तगारी और फावड़ा लेकर आए और तलाई खोदने का कार्य शुरू किया।जैसे -जैसे हम आगे बढ़ते गए,लोग जुड़ते गए।हमारे परिजन जुड़ गए व सभी ने मिलकर हमे सहयोग किया।किसी ने जेसीबी दी तो किसी ने ट्रैक्टर,ट्रॉली व टैंकर दिया।तलाई खुदने के बाद निर्माण सामग्री का भी सहयोग मिला।तलाई के फर्श का निर्माण अंतिम चरण में है।युवाओ के कार्य मे सहयोग व मार्गदर्शन कर रहे परिजन शिव दयाल दान व आसू दान ने बताया कि युवाओ के नेक कार्य ने हमे प्रेरित किया व यथा सम्भव इनका सहयोग कर रहे है।तलाई का फर्श निर्माण पूरा होने के बाद सुरक्षा दीवार बनाई जायेगी। आश्चर्यजनक बात है कि भामाशाह नगरी के नाम विख्यात देशनोक में अबतक किसी बड़े भामाशाह ने इन युवाओ के सहयोग के लिए हाथ नही बढ़ाया है।

 

कैसे मिली तलाई निर्माण की प्रेरणा

युवा विद्यार्थी जयसिंह देपावत ने बताते है की जहां तलाई निर्माण कर रहे है उस क्षेत्र के दस किमी तक जीव-जंतु व पशु-पक्षियों के लिए कोई जलकेन्द्र नही होने के कारण इनकी मौत हो रही है।इससे मन बहुत दुखी हुआ।सभी साथियों से विचार करने के बाद तलाई निर्माण की प्रेरणा मिली।सभी युवा साथियों का साथ व सहयोग ही हमारे लिए निर्माण की पूंजी बनी।

 

कैसी होगी तलाई

 

तलाई के स्वरूप और क्षमता को लेकर जयसिंह व युवाओ ने बताया कि तलाई वृत्ताकार बनाई गई है।तलाई के चारो ओर सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। तलाई के चारो ओर पर्याप्त ढलाई का स्तर सही तरीके से रखा गया है जिससे वर्षा का जल तलाई तक प्रचुर मात्रा में पहुंचे।तलाई की लगभग बीस लाख लीटर पानी की क्षमता होगी।

Author