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बीकानेर.शहरी जन-सहभागी योजना के अन्तर्गत बनने वाला शहर बीकानेर का पहला गैस आधारित शवदाह गृह कार्यादेश में अटका हुआ है। स्वायत शासन विभाग की ओर से जून में इसकी स्वीकृति जारी की गई थी। नगर निगम अब तक महज टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर पाया है। बताया जा रहा है कि निगम ने अगस्त में इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की। चार माह बाद भी कार्यादेश जारी नहीं हो पाया है।कायदिश के अभाव में संबंधित फर्म इसका कार्य शुरू नहीं कर पा रही है। आरसीपी कॉलोनी स्थित मुक्तिधाम में 82.28 लाख की स्वायत्त शासन विभाग की ओर से लागत से गैस आधारित शवदाह गृह जून में इसकी स्वीकृति जारी की गई का निर्माण होना है।

छह माह लेंगेंगे

कार्यादेश जारी होने के संबंधित फर्म को छह माह में इसका निर्माण कार्य पूरा करना है। अगर बाद निगम इसी माह इसका कार्यादेश भी जारी करता है तो अगले साल जून तक ही है तैयार हो सकेगा निगम अधिकारियों के अनुसार गैस आधारित शवदाह गृह के प्रारम्भ होने से न केवल बिना लकड़ियों के शवों का अंतिम संस्कार हो सकेगा और लकड़ियों की तुलना में लागत भी कम आएगी। इसमें कक्ष सहित आवश्यक उपकरण व संसाधन तैयार होंगे। निगम अधिकारियों के अनुसार इसके लिए जल्द कार्यादेश जारी होगा।

लंबे समय से इंतजार

शहर में लंबे समय से शवों के अंतिम संस्कार के लिए विद्युत अथवा गैस आधारित शवदाह गृह की कवायद चल रही है। आवश्यकता और मांग के अनुसार स्वायत्त शासन विभाग की ओर से शहरी जन सहभागी योजना के अन्तर्गत राज्यांश का आंवटन किया गया। इसमें बीकानेर सहित प्रदेश की चार और निकायों को 75-75 लाख, जयपुर ग्रेटर को 96 लाख तथा अलवर को 29 लाख रुपए का राज्यांश आंवटित किया गया। निगम ने 87.99 लाख का टेंडर जारी किया। टेंडर 82.28 लाख में निर्धारित हुआ।

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