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बीकानेर। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को रैंकिंग को सुधारने में एडी-चोरी का जोर लगाना पड़ेगा। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने कॉलेजों के मूल्यांकन एवं रैंकिंग के लिए नए मापदंड तय किए गए हैं, जिसमें 28 बिन्दुओं को शामिल किया गया है। इन 28 बिन्दुओं के आधार पर ही कॉलेजों का मूल्यांकन एवं रैंकिंग तय होगी। आयोग ने प्रदेश के सभी कॉलेज प्रशासकों को 28 बिन्दुओं का प्रो-फार्मा भिजवा दिया। यह प्रो-फार्मा इसी माह भरकर आयोग से जुड़ी कॉलेज की वेबसाइट पर अपलोड करना है। यह नई व्यवस्था इस साल से शुरू की गई है।

कॉलेजों को भेजा यह परिपत्र
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के निदेशक ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को परिपत्र भेजा हैं, जिसमें कहा है कि चिकित्सा मूल्यांकन एवं रेटिंग बोर्ड ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेज प्रशासकों से कॉलेज के चिकित्सा एवं रैंकिंग स्तर तय करने के लिए मापदंड तय किए गए हैं। नए मापदंडों के मुताबिक सभी कॉलेज प्रशासन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से जुड़ी वेबसाइट पर कॉलेज की संपूर्ण जानकारी अपलोड करें। इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में 28 बिन्दुओं का प्रो-फार्मा भेजा गया है। साथ ही चेताया गया है कि इस प्रो-फार्मा में अंकित जानकारी को वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद बदला व हटाया नहीं जा सकेगा।

तैयारियों में जुटा प्रशासन
राष्ट्रीय आयोग की तरफ से कॉलेज प्रशासन को १४ दिसंबर को परिपत्र मिला है। इसके बाद से कॉलेज प्रशासन प्रो-फार्मा में बताए गए बिन्दुओं को पूरा करने में जुट गया है। मेडिसिन, सर्जरी, चर्म, आंख, ट्रोमा, जनाना, शिशु, मानसिक, न्यूरो, यूरोलॉजी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी, पीएमआर सहित अन्य विभागों से जानकारी ले रहा है। साथ ही मेडिकल उपकरणों की सूचियां तैयार की जा रही है।

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के मूल्यांकन व रैंकिंग के लिए नए मापदंड तय किए हैं, जिनका 28 बिन्दुओं का प्रो-फॉर्मा भेजा गया हैै। यह नई व्यवस्था इस साल से शुरू की गई है। बीकानेेर मेडिकल कॉलेज प्रो-फॉर्मा के अधिकतम मापदंड पूरे करता है। शेष कुछेक बिन्दुओं की जानकारी लेकर वेबसाइट पर लोड कर रहे हैं।
डॉ. रंजन माथुर, अतिरिक्त प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज

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