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बीकानेर इण्डियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी पैथोलॉजिस्ट की तीन दिवसीय 38वीं अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस “पशुओं, वन्य जीवों एवं पोल्ट्री में उभरती बीमारियों के निदान व नियंत्रण हेतु वेटरनरी पैथोलॉजी में प्रगति” विषय पर शुक्रवार को ऑनलाईन मोड पर प्रारम्भ हो गई। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 400 वैज्ञानिक, विशेषज्ञ एवं विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. जी.के. सिंह, कुलपति, वेटरनरी विश्वविद्यालय, मथुरा ने कहा कि पशुओं में होने वाली संक्रामक बीमारियां से हर वर्ष बहुत आर्थिक नुकसान होता है। वातावरणीय परिवर्तन इन बीमारियों और अधिक संक्रामक बना रहा है। हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने देश में ही रोग निदान सुविधाओं को विकसित करना होगा ताकि कम लागत में रोग निदान एवं उपचार सुविधाएं पशुपालकों को मुहैया हो सके। इण्डियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी पैथोलॉजिस्ट के अध्यक्ष एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उपमहानिदेशक (पशुविज्ञान) डॉ. बी.एन. त्रिपाठी ने कहा कि पशुधन एवं पोल्ट्री में बहुत ज्यादा जैव विविधता हैं, देश में लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या की तुलना में पशु उत्पादन में बढ़ोतरी कम हुई है। आज जहां एक तरफ आमजन में गुणवŸाा युक्त एवं सुरक्षित पशु खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ी है। वही दूसरी तरफ नई-नई उभरती बीमारियां हमारे लिए चुनौती का विषय है। 75 प्रतिशत संक्रामक बीमारियां पशुओं से उद्भव हुई है। इन चुनौतियों का सामना करने हेतु हमें नई तकनीकों, डायग्नोस्टिक सुविधाओं, वैक्सीन, उत्पादन आदि क्षैत्रों में कार्य विस्तार करना होगा ताकि मानव एवं पशु कल्याण को बढ़ावा मिल सके। कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने अपने उद्बोधन में सम्मेलन में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने समय-समय पर आने वाली सभी चुनौतियों का बखूबी से सामना किया है लेकिन हमें आज संक्रामक रोगों की विश्व व्यापकता को देखते हुए मानव एवं वेटरनरी डायग्नोस्टिक को विकसित करना होगा। हमें एकल स्वास्थ्य मिशन को ध्यान में रखते हुए शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण के तहत कार्य करना होगा। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में आई.ए.वी.पी. के सेकेट्री जनरल डॉ. के.पी. सिंह, सेकेट्री आई.सी.वी.पी., डॉ. एन. पजानिवेल, डॉ. विपिन गुप्ता ने भी अपना उद्बोधन दिया। अधिष्ठाता, प्रो. आर.के. सिंह ने स्वागत भाषण दिया। सम्मेलन के आयोजन सचिव प्रो. हेमन्त दाधीच ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभिन्न वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत शोध पत्रों के संकलन को कम्पेडियन के रूप में विमोचन किया गया। डॉ. अभिलाषा दाधीच ने कार्यक्रम का संचालन किया।

उद्घाटन सत्र में डॉ. दाधीच एवं अन्य को मिला फैलो अवार्ड
सम्मेलन के आयोजन सचिव प्रो. हेमन्त दाधीच (राजुवास, बीकानेर), कर्नल चन्द्रपाल चूरामनी (देहरादून, उत्तराखंड), सुशील कुमार पांडा (भुवनेश्वर, ओडिशा) को पैथोलॉजी के क्षैत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान हेतु इण्डियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी पैथोलॉजिस्ट के सम्मानित फैलो अवार्ड से नवाजा गया।

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