बीकानेर,शहर का सबसे चर्चित चोरी का के। अंबेडकर सर्कल निवासी सिद्धार्थ कोठारी का परिवार शहर से बाहर गया था, पीछे से चोरों ने बंद मकान के ताले व गेट तोड़कर वारदात को अंजाम दिया। लाखों की चोरी में पुलिस अक्सर ऐसा करती है। कुछ दिन हल्ला मचता है, पुलिस हाथ-पैर मारती है लेकिन बाद में जैसे-जैसे समय बीतता जाता है। पुलिस फाइल को कुछ दिन साइड में रखती है। फिर एफआर (चोर व माल अदमपता) की रिपोर्ट. कोर्ट में पेश कर देती है। जिसका माल गया वह थाने के चक्कर लगाकर थक जाता है। दिन, महीने, साल बीतते जाते है, पुलिस की केस डायरी में चोर और माल की कभी समाप्त नहीं होने वाली तलाश जारी रहती है। बीकानेर के सदर थाना में 15 अगस्त 2016 को दर्ज चोरी की एक एफआइआर की पड़ताल पेश कर रहे है। केस डायरी के पन्ने पुलिस के दौड़ाए कागजी घोड़ों की बानगी देते है।
असल में 22 सार्दुल कॉलोनी नजदीक अम्बेडकर सर्कल निवासी सिद्धांत कोठारी का परिवार 9 अगस्त 2016 को किसी काम से बाहर गया। पीछे बंद मकान के ताले और गेट तोड़कर अज्ञात चोर घुसे और घर में रखे गहने, कीमती सामान, नकदी और मोबाइल फोन चोरी कर ले गए। यह परिवार 14 अगस्त को वापस लौटा तो वारदात का पता चला। सदर थाना पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने 24 घंटे बाद 15 अगस्त को चोरी की एफआइआर दर्ज कर ली। घर से चोरी गहनों और सामान की कीमत 70 लाख रुपए से अधिक आंकी गई।पुलिस ने चोरी हुए मोबाइल में एक्टिव सिमकार्ड की लोकेशन निकाली तो वह 8 से 14 अगस्त 2016 तक मोहता चोक बीकानेर में आती रही। दूसरा परिवादी ने घर के नौकरों पर शक जताया। पुलिस के लिए समय रहते गंभीरता से लेने पर यह जानकारी चोरों को पकड़वा सकती थी। परन्तु सदर थाना के तत्कालीन एएसआइ रामसिंह ने की। पुलिस ने
करीब पांच महीने बाद 7 जनवरी 2017 को मामले में एफआर अदमपता की रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी। कोर्ट ने रिपोर्ट स्वीकार करते हुए पुलिस को मुलजिम और माल का पता नहीं लगने तक तलाश जारी रखने के आदेश दिए।
परिवादी सिद्धांत कोठारी ने एसीजेएम के पास प्रोग्रेस रिपोर्ट के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिसे 27 मार्च 2019 को कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके विरूद्ध परिवादी ने निगरानी याचिका सेशन कोर्ट में लगाई। एडीजे नम्बर 4 ने 28 जून 2019 को अधीनस्थ न्यायालय का आदेश खारिज करते हुए एफआर के साथ 7 जनवरी 2017 को दिए आदेश की पालना में मुलजिम की पतारसी बाबत पुलिस कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए।
अधीनस्थ न्यायालय ने पुलिस थाना सदर को 27 सितम्बर 2019 को प्रगति रिपोर्ट के साथ केस डायरी पेश करने के आदेश दिए। पुलिस ने 9 दिसम्बर 2021 को अधनीस्थ न्यायालय में रिपोर्ट के साथ केस डायरी पेश की। इसमें पुलिस कहा कि 13 अप्रेल 2019 को मामले को पुनः खोलकर जांच एसआइ विकास बिश्नोई को दी। उनका तबादला होने के बाद एसआई मोहरसिंह को जांच दी गई। माल-मुलजिमों की तलाश अभी जारी है। यानि वारदात के पांच साल बाद भी पुलिस की तलाश जारी है। दूसरी तरफ पीड़ित सिद्धांत कोठारी और उनके अधिवक्ता गंगनकुमार सेठिया की लड़ाई को जारी रखे हुए है। उन्होंने यह मामला जिला कलक्टर की अगुवाई वाली सतर्कता समिति में रखा। जिला कलक्टर नमित मेहता ने शुक्रवार को मामले पर हैरानी जताई। साथ ही पुलिस अधिकारियों को मुलजिम और चोरी माल की बरामदगी के लिए गंभीरता से कार्रवाई के लिए कहा।