बीकानेर, हैलो मैं बीडी कल्ला बोल रहा हूं, कैसे हो, एक कार्यकर्ता आपके पास भेज रहा हूं, उसका काम करना है। यह लंबे समय से भटक रहा है और काम के लिए तीन बार जयपुर भी आ चुके हैं। इनका काम करना है।’ यह आवाज सुनकर सामने वाला अधिकारी भी ‘यस सर, यस इंतजार करने लगता है। हुबहु डॉ. कल्ला जैसी आवाज सुनकर हर कोई आश्चर्य करने लगता है। डॉ. कल्ला के स्टाइल में बोलने वाले यह है सुथारों की बड़ी गुवाड़ निवासी नारायण बाबू पुरोहित।
नारायण ने बताया कि कल्ला के जैसा बोलने के लिए उनकी 150 सभाओं को सुना। उनके भाषण देने का तरीका तथा उनकी आवाज को निकालने के टिप्स सीखे। घर पर कांच के सामने खड़ा रहकर डॉ. कल्ला जैसा बोलने का महीनों अभ्यास किया। साथ ही वे कैसे पेन पकड़ते हैं, कैसे मंच पर चढ़ते हैं और लोगों को नमस्कार और अभिवादन स्वीकार करते हैं, यह सब बारीकी से सीखा।
दोस्त करते हैं मजाक में फोन
नारायण बाबू के कई दोस्तों ने अपने मोबाइल में बीडी कल्ला के नाम से उनके नंबर सेव कर रखे हैं। वे मजाक करने के लिए उन्हें फोन लगाते हैं। नारायण बाबू ने बताया कि कभी भी डॉ. कल्ला की आवाज का दुरुपयोग नहीं किया। जब कोई फोन पर बात करवाता भी है तो अंत में उसे अपने बारे में बता जरूर देता हूं।
दुरुपयोग नहीं करने की सलाह दी
नारायण ने बताया कि डॉ. कल्ला को उनके जैसी आवाज में बोलकर दिखाया। इस पर वे आश्चर्य करने लगे। साथ ही मुझे आवाज का कहीं और दुरुपयोग नहीं करने की सलाह दी। बीडी कल्ला के पुत्र पवन कल्ला को भी उनके पापा की आवाज सुननाई तो वे भी मान गए। कई दोस्त भी फोन कर कल्लाजी की आवाज सुनते हैं और अधिकारियों को भी सुनाते हैं।