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बीकानेर वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा राज्य स्तरीय ई-पशुपालक चौपाल बुधवार को आयोजित की गई। बकरियों में उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत व वैज्ञानिक प्रबंधव रखरखाव विषय पर विषय विशेषज्ञ डॉ. बी. राय ने पशुपालकों से वार्ता की। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि बकरी पालन भूमिहीन, सीमान्त किसानों की आर्थिक उन्नति का आधार है। वर्तमान में राजस्थान में बकरियों की संख्या 20.84 मिलियन से भी ज्यादा है और राजस्थान बकरी के दूध उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है साथ ही मांस उत्पादन में प्रदेश चौथे स्थान पर है। प्रदेश में बकरी पालन व्यवसाय के विकास की अपार संभावनाएं हैं ऐसे में पशुपालक बकरी पालन व्यवसाय में वैज्ञानिक प्रबंधन से अधिकाधिक लाभ कमा सकते हैं। आमंत्रित विशेषज्ञ डॉ. बी. राय, निदेशक, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, मथुरा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बकरियों के आवास प्रबंधन, बकरियों के फार्म के लिए आवास आवश्यकता, बकरियों के आहार प्रबंधन, स्वास्थ्य रक्षा आदि के द्वारा अधिक उत्पादन प्राप्त करने के बारे में बताया। उन्होंने उन्नत बकरी पालन व्यवसाय में बकरियों की पहचान हेतु टैगिंग व रिकॉर्ड रखरखाव के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ग्याभिन बकरी व मेमनों का वैज्ञानिक प्रबंधन कर बकरी पालक इस व्यवसाय से कम निवेश में अधिक लाभ ले सकते हैं। डॉ. राय ने बकरी पालन में बकरियों की चारागाह में नियमित चराई पर विशेष जोर दिया तथा बकरियों की बाह्य परजीवियों से सुरक्षा हेतु आसान तरीके भी बताए। अंत में डॉ. राय ने राजस्थान में बकरी पालन के भविष्य व चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए सभी पशुपालकों को इस लाभकारी व्यवसाय को करने हेतु प्रेरित किया।

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