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नई दिल्ली. किसान आंदोलन बुधवार को खत्म हो सकता है। इस बारे में दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की निर्णायक बैठक होने जा रही है, जिसमें आंदोलन समाप्ति पर सहमति बन सकती है। करीब एक साल से कृषि कानूनों की वापसी सहित कई मुद्दों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे थे। सरकार ने तीनों विवादित कृषि कानूनों को हाल में वापस लेते हुए इन्हें रद्द कर दिया था। सरकार से चर्चा के लिए नियुक्त किए गए पांच किसान नेताओं की मंगलवार शाम सिंघू बॉर्डर पर अहम बैठक हुई। इसमें केंद्र के प्रस्ताव पर विचार के साथ बुधवार दोपहर 2 बजे फिर मिलना तय हुआ।

केंद्र सरकार किसानों की तकरीबन सभी मांगें मानने के लिए तैयार हो गई है। इसमें किसानों पर दर्ज सभी मुकदमें वापस लेने का प्रस्ताव भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार केंद्र किसानों को एमएसपी, मामले वापसी और पराली जैसी मांगों पर लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि जहां किसान केंद्र की पेशकश से खुश हैं, वहीं केंद्र चाहता है कि केस वापसी से पहले किसान सड़क से हट जाएं। चिट्ठी पर होगा विचार-विमर्श… किसानों की ओर से दी गई समय सीमा समाप्त होने से पहले ही सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को पांच बिंदुओं के साथ एक चिट्टी भेजी है। इन प्रस्तावों पर ही किसानों की सहमति बननी है। ज्यादातर किसान आंदोलन खत्म करने के पक्ष में हैं।

ये हैं सरकार के प्रस्ताव

1. एमएसपी..पीएम व कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। कमेटी में केंद्र, राज्य सरकार व किसान संगठनों के साथ कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे। इसमें एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

2. मुकदमे…आंदोलन वापस लेने के बाद उस दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने पर यूपी व हरियाणा सरकार सहमत। केंद्र संबंधी विभाग व संघ प्रदेश क्षेत्र के केस भी वापस लिए जाएंगे।

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