नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सोने के गहनों में मिलावट रोकने के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है। देश के 256 शहरों में बिना हॉलमार्क के गोल्ड ज्वैलरी बेचने पर भारतीय मानक ब्यूरो ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अब बिना हॉलमार्क ज्वैलरी बेचना अपराध है। ऐसे में ज्वैलर्स का मुनाफा कम हुआ है।
इससे दिल्ली, भोपाल समेत देश के कई शहरों में ज्वैलर्स ने मेकिंग चार्ज बढ़ाकर इसकी भरपाई शुरू कर दी है। इन शहरों में अलग-अलग तरीके से मेकिंग चार्ज बढ़ाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेकिंग चार्ज औसतन 5 से 10 फीसदी बढ़ा है। भोपाल में मेकिंग चार्ज 10 फीसदी था जो अब 13 फीसदी हो गया है।
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने कहा कि ज्वैलरी की डिजाइन के हिसाब से बनाने में कितना टाइम लग रहा है, इस पर मेकिंग चार्ज तय होता है। चूंकि, इस बारे में कोई नियम नहीं है, इसलिए यह ज्वैलर्स पर निर्भर है कि वह कितना मेकिंग चार्ज लेते हैं।
बिना 256 हॉलमार्क का गोल्ड ज्वैलरी बेचने पर कार्रवाई शुरू
10% था भोपाल में मेकिंग चार्ज जो अब 13% हो गया
ज्वैलर्स के लिए गाइडलाइंस
सरकार ने ज्वैलर्स के लिए कुछ गाइडलाइंस बनाई हैं। इसके मुताबिक, ज्वैलरी शॉप में ग्राहकों को हॉलमार्क दिखाने के लिए 10एक्स का ग्लास हो। हॉलमार्किंग चार्ज के बारे में जानकारी देने के दुकान में एक चार्ट अनिवार्य है। दुकान में बीआइएस का नंबर और एड्रेस का एक डिस्प्ले होना जरूरी है।
और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी ही बिकेगी अब देशभर में
मेकिंग चार्ज के लेकर देश में कोई नियम नहीं 14,18
गोल्ड हॉल मार्किंग की जांच भी होगी बीआईएस की तरफ से नियुक्त किए गए एजेंट ज्वेलरी शॉप पर जाकर स्वर्ण आभूषण पर किए गए और मार्किंग की जांच करेंगे ताकि सुनिश्चित हो के ज्वेलरी की हॉल मार्किंग ठीक से किया गया है कि नहीं इसके लिए दुकानों से सैंपल उठाए जाएंगे और मार्किंग लागू नहीं करने पर कार्रवाई भी होगी।