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बीकानेर,अगर बिजली की आपूर्ति में तनिक ही व्यवधान आ जाएं तो कितनी व्यापक प्रतिक्रिया होती है। साथ ही भारी नुकसान भी। सरकार की साख भी एक मिनट में तार तार हो जाती है। अभी देश दुनिया में बिजली संकट और आपूर्ति के बीच मामूली से फर्क का दौर है। राजस्थान भी इसी दौर से गुजर रहा है। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को अपनी कार्य दक्षता दिखाने का अवसर है। एक मज़े हुए मुख्यमंत्री की उन पर कृपा दृष्टि है। वे मुख्यमंत्री से सीखकर जितना अच्छा काम कर सकते हैं भविष्य में यही उनकी राजनीतिक साख बन सकती है। अन्यथा तो बिजली गई नहीं कि क्या घरेलू उपभोक्ता, क्या किसान और उद्योगपति सरकार और ऊर्जा मंत्री की साख पटने में एक मिनट ही लगाएंगे। मंत्री ने विद्युत उत्पादन, कोयला भंडारण, केपिटिव कोल ब्लाक की समीक्षा की है। हालात ज्यादा अच्छे नहीं है। मंत्री ने समीक्षा में बिजली बचत, बिजली चोरी और अपव्यय रोकने की बात नहीं की। बिजली चोरी अपव्यय रोकने और बचत करना सरकार की जागरूकता पर निर्भर है ऐसा मंत्री प्रयास करके अपनी कार्य दक्षता दिखा सकते हैं। इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। मंत्री अगर सोलर परियोजना में दो हजार मेगावाट का सोलर पार्क विकसित करने की राज्य सरकार की सहमति को कार्य रूप में परिणित करने की जिम्मेदारी ओटने लें तो कोयले की बचत और प्रदूषण कम होगा। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने सोलर परियोजना को मंजूरी दी हुई है। नए मंत्री को तो क्रियान्वित कर वाह वाही लूटनी है। बीकानेर सौर ऊर्जा का हब बने यह तकनीकी रिपोर्ट वर्षों से राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में अनदेखी पड़ी है। अब आप देखले तो बीकानेर के लिए आपका ऊर्जा मंत्री बनना सार्थक हो जाएगा।

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