जयपुर। जलदाय विभाग द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से गांव-गांव और ढ़ाणियों में लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए पेयजल गुणवत्ता जांच पर पूरा फोकस किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के 43 हजार 362 गांवों के स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी-विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी) के सदस्यों को ‘कैमिकल फील्ड टेस्टिंग किट’ उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उपयोग करते हुए जेजेएम में ‘हर घर नल कनेक्शन’ के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने बुधवार को शासन सचिवालय में राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों के साथ बैठक में जेजेएम के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स एवं रेग्यूलर विंग की सभी योजनाओं में पेयजल की गुणवत्ता जांच के पहलू पर भी पूरा ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में प्रदेश में पेयजल गुणवत्ता जांच के लिए सभी जिला प्रयोगशालाओं के ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’ तथा ब्लॉक स्तर पर प्रयोगशालाएं खोलने के कार्य की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की।
ब्लॉक स्तर पर बनेगी 102 प्रयोगशालाएं
बैठक में बताया गया कि अब तक प्रदेश में 11 जिलों जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, पाली, राजसमंद, श्रीगंगानगर और जोधपुर की जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं के ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’ का काम पूरा कर लिया गया है। चार जिलों झुंझुनू, बाड़मेर, हनुमानगढ़ एवं चुरू की जिला प्रयोगशालाओं के एनएबीएल एक्रीडिशन के लिए ऑडिट हो चुकी है। शेष जिलों की ऑडिट का काम आगामी जुलाई माह में पूरा कर सभी जिला प्रयोगशालाओं को एनएबीएल एक्रीडेट करने की दिशा में सतत कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा जेजेएम की गाइडलाइन के अनुसार राज्य में 102 पंचायत समिति मुख्यालयों पर चालू वित्तीय वर्ष में लेबोरेट्रीज स्थापित करने का कार्य भी प्रगति पर है।
एस्कैप रिजर्वायर्स पर चर्चा
बैठक में प्रदेश में (जेजेएम) के तहत इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) क्षेत्र के जिलों में एस्कैप चैनल्स के पानी को रिजवॉयर्स में संग्रहित करते हुए इसे अतिरिक्त स्रोत के रूप में काम में लेने पर भी मंथन किया गया। एसीएस श्री पंत ने चुरू, बीकानेर और जोधपुर रीजन के प्रोजेक्ट्स क्षेत्र में एस्कैप रिजर्वायर्स के मुद्दे पर अधिकारियों को जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठकों में मंजूर कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। तकनीकी स्वीकृतियों एवं निविदाओं के बकाया कार्य को पूरा कर वार्षिक योजना के लक्ष्यों के अनुसार कार्यादेश जारी करने तथा इस माह के अंत में प्रस्तावित एसएलएसएससी की बैठक के लिए नए प्रस्ताव भी जल्दी से मंगवाने के निर्देश दिए।