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हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में 60 साल की वृद्ध महिला की हत्या कर उसके शव के साथ रेप करने के मामले में जिला एवं सेशन न्यायाधीश संजीव कुमार मागो ने अपने ऐतिहासिक फैसले में दोषी सुरेंद्र उर्फ मांडिया को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले को पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने केस ऑफिसर स्कीम में शामिल कर पीलीबंगा थानाधिकारी इंद्र कुमार को केस ऑफिसर नियुक्त किया था. घटना के 8 दिन बाद ही पीलीबंगा पुलिस ने इस केस में आरोपी के खिलाफ चालान पेश कर दिया था. हत्या और रेप के इस केस की सुनवाई के बाद सोमवार को डीजे कोर्ट ने घटना के 74 दिन में ही फैसला देते हुए दोषी को फांसी की सजा सुना दी है.
अपर लोक अभियोजक उग्रसेन नैन ने बताया कि वारदात पीलीबंगा थाना इलाके में 16 सितंबर 2021 को हुई थी. घटना के अनुसार सुरेंद्र उर्फ मांडिया ने अकेली रहने वाली अपने ही गांव की 60 साल की वृद्धा के घर में 16 सितंबर की रात को घुसकर उससे दुष्कर्म का प्रयास किया. वृद्धा ने जब इसका पुरजोर विरोध किया तो आरोपी सुरेन्द्र उर्फ मंडिया ने उसकी हत्या कर दी. बाद में उसके शव के साथ रेप किया था.
दुष्कर्मी सुरेन्द्र उर्फ मंडिया केवल 19 साल का है
मामला सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी. पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुये आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया था. बाद जांच पड़ताल कर महज आठ दिन में ही आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया. उसके बाद कोर्ट ने भी मामले में लगातार सुनवाई करते हुये घटना के 74 दिन के भीतर अपना फैसला दे दिया. सजा सुनाने के बाद दोषी को जिला जेल हनुमानगढ़ भेज दिया गया है. दुष्कर्मी सुरेन्द्र उर्फ मंडिया केवल 19 साल का है.
पुलिस ने कई मामलों में रिकॉर्ड न्यूनतम समय में चालान पेश किये हैं
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में गत वर्षों में रेप के कई ऐसे मामले आये हैं जिनमें पुलिस ने तत्परता बरतते हुये आरोपियों के खिलाफ रिकॉर्ड न्यूनतम समय में चालान पेश किये हैं. वहीं अदालतों ने भी इन मामलों में लगातार तेज गति से सुनवाई करते हुये आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया है.
सकते में आ गये थे लोग
हनुमानगढ़ में हुई इस जघन्य वारदात के बाद लोग सकते में आ गये थे. यह वारदात पुलिस के लिये भी किसी चुनौती से कम नहीं थी. लेकिन पुलिस ने संवेदनशीलता के साथ तत्काल कार्रवाई कर आरोपी को दबोच लिया. पुलिस ने इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेने के बाद पूरी सतर्कता के साथ कार्रवाई की ताकि आरोपी को उसके अपराध की सजा मिल सके.

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