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जयपुर। राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद से ही कांग्रेस के भीतर कलह खुलकर सामने आने लगी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एडवाइजर बने हुए विधायक रामकेश मीणा को 24 घंटे भी नहीं बीते कि उन्होंने सचिन पायलट के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। सचिन पायलट पर कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने और आलाकमान को विभिन्न मामलों में गलत फीडबैक देने का भी आरोप लगाया। रामकेश ने अरोप लगाया कि पायलट ने आलाकमान को गुमराह किया, जिससे निर्दलीय व बसपा से आए विधायकों को तरजीह नहीं मिली। पायलट ने ही आलाकमान को गुमराह करके हमारे टिकट कटवाएं थे। इसके चलते ही हमारे साथी बसपा व निर्दलीय जीतकर आए। अगर टिकट वितरण के समय कमान अगर पूरी तरह से गहलोत के पास होती तो कांग्रेस की 150 सीटें आती। उन्होंने कहा कि हमने गहलोत सरकार को बचाने का काम किया, यहीं कारण रहा कि निर्दलीय मंत्री बनने पर पायलट ने राइडर लगवा दिया। पायलट ने दिल्ली में लगातार हमें रोकने का काम किया। रामकेश मीणा यहीं नहीं रुके। उन्होंने इस पूरे मामले में आलाकमान को शिकायत करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि “मैं आलाकमान से मिलकर बात रखूंगा तथा ये भी कहूंगा कि भविष्य में पायलट को आगे रखकर चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी तो इससे बुरी बात कांग्रेस के लिए कोई नहीं होगी। पायलट ने कांगेस सरकार गिराने के लिए गदर मचाया था, हम नहीं होते तो सरकार गिर जाती।” बता दें कि अपना टिकट कटने के बाद से ही रामकेश मीणा सचिन पायलट से नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते उन्हें कांग्रेस से नहीं बल्कि निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा था। इससे पहले भी वह पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। बरहाल इस पूरे घटनाक्रम के बाद में एक बात तो साफ हो गई है कि कांग्रेस में अंदरूनी कलर फिलहाल थमने वाला नहीं है, गुटबाज़ी जारी रहेगी।

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