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बीकानेर, गंगाशहर में घूमचक्कर परिसर में स्थित जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के 175 वर्ष प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य का आज शुभारंभ हुआ।खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी की निश्रा में होने जा रहे इस जीर्णोद्धार के उपरांत बनने वाले नूतन
मंदिर के शिखर के दर्शन गंगाशहर व लक्ष्मीनाथ घाटी से हर राहगीर को होंगे। हाल ही बने केदारनाथ महादेव मंदिर के पास बनने वाले इस जिनमंदिर की ऊंचाई लगभग 66 फीट होगी। मंदिर परिसर में ही प्रवचन हॉल, जैन साधु-साध्वियों के लिए उपासरा, धर्मशाला, भोजनशाला, दादा गुरुदेव पार्श्वचंद्रसूरीश्वर जी व विजय शांति विजय सूरिश्वरजी के गुरुमंदिर बनेंगे।
स्वर्गीय सेठश्री फौजराज बांठिया परिवार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में रविवार को श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक पार्श्वचंद्र गच्छ के वरिष्ठ महोपाध्याय श्री भुवनचन्द्र जी म.सा., साध्वीश्री पद्मप्रभा श्री जी, सुव्रताश्री जी व मरुतप्रभा श्री जी के सान्निध्य में विधिकारक ने जैन आगमों के मंत्रोच्चारण से शिलाओं की प्रतिष्ठा करवाई। पूर्व में शांति स्नात्र, भूमि का शुद्धिकरण, पूजन, वास्तु,, नवग्रह, अष्टमंगल पूजन आदि का पूजन कर मकराना के सफेद संगमरमर की 11 शिलाओं को विधिविधान से प्रतिष्ठित किया गया। मुख्य स्तम्भ स्थापित किए गए ।
करीब दो घंटें चले मंदिर की शिलाओं के स्थापना कार्यक्रम में धनपत-शिबू बांठिया, रविन्द्र-सरिता बांठिया, मनोजकुमार-पिंकी बांठिया, संजय-पूर्णिमा बांठिया, हीरालाल-आराधना बांठिया, सौरभ-श्रद्धा बांठिया, गौतम-राखी तातेड़, शांतिविजय-रूपल सिपानी, संदीप-एकता सिपानी, तरुण-सरगम सुराणा, वरिष्ठ श्रावक तनसुख दास, राजेन्द्र प्रसाद बांठिया व मंदिर का करीब दो शताब्दी पूर्व निर्माण करवाने वाले स्वर्गीय सेठ फौजराज जी बांठिया परिवार के सदस्यों ने विविध धार्मिक अनुष्ठानों में भागीदारी निभाई।
मंदिर के वास्तुकार गुजरात के ऋषभ सोमपुरा ने बताया कि 15 फीट की ऊंचाई पर निज मंदिर, मंडप बनेगा उसके ऊपर 51 फीट शिखरबंद होगा। जैन वास्तु व शिल्प के अनुसार मंदिर का निर्माण कार्य सफेद संगमरमर से करवाया जाएगा। मंदिर में जैन मांगलिक चिन्ह, तीर्थंकरों की खड्गासनस्थ व पद्मासनस्थ प्रतिमाएं एवं अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएँ स्थापित की जाएगी।
बांठिया परिवार की दूसरी बड़ी सौगात-घूमचक्कर के भगवान पार्श्वनाथ मंदिर परिसर में बांठिया परिवार ने अगस्त में ही बाबा केदारनाथ महादेव मंदिर का हूबहू उतराखंड के केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप् में बनाकर जैन व सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने की अनुपम सौगात दी। केदारनाथ महादेव मंदिर में नियमित जैन व सनातन धर्म के श्रद्धालु पूजा व दर्शन कर पुण्य कमा रहे है। कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रोशनी की गई।

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