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बीकानेर,जयपुर के वरिष्ठ समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने सुरेश एन पटेल मुख्य विजिलेंस आयुक्त, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आज ट्विटर एवम मेल द्वारा भेजे गए मांग पत्र में उठाई है कि सरकारी विभागों के कर्मचारियों द्वारा मासिक बंधी जो कि अवैध गतिविधियों को संचालित करने के लिए गोपनीय तरीके से एक मोटी रकम सरकारी कर्मचारियों द्वारा व्यापारियों अन्य संस्थानों से मांग की जाती है जिससे कि देश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है सरकारी विभागों के विजिलेंस विभाग को सक्रिय रुप से इन सरकारी कर्मचारियों एवम अधिकारियों चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त एवम ठोस कार्यवाही की जानी चाहिए ।

समाजसेवी रवि शंकर धाभाई ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार और घूसखोरी के बारे में आए दिन अखबारों में पढ़ने को मिलता है और दुनिया भर में भारत की फजीहत कराने वाले आंकड़े हर भारतीय को आईने में अपना चेहरा देखने को विवश करते हैं और यह नसीहत देते हैं कि 21वीं सदी में होने के बावजूद हम अपना सिस्टम अब भी नहीं सुधार पाए हैं । भारत में भ्रष्टाचार का रोग बढ़ता ही जा रहा है । हमारे जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा जहां भ्रष्टाचार के असुर ने अपने पंजे न गढ़ाए हो । देश की सबसे छोटी इकाई पंचायत से लेकर शीर्ष स्तर के कार्यालयों और क्लर्क/बाबू से लेकर बड़े अफसर तक बिना घूस के आज सरकारी फाइलें आगे ही नहीं कर सरकती। हालांकि सरकारी दफ्तर रिश्वतखोरी का बड़ा अड्डा बने हुए । इनमें भी सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी राज्य सरकारों के ऑफिसों में होती है । चिंताजनक है कि भारत में बढ़ते भ्रष्टाचार का संकट हैरान करता है आज के समय में ईमानदारी तो महज कागज का एक टुकड़ा बन कर रह गई है । हर क्षेत्र में जब तक हरे हरे नोट नहीं दिखाएं जाए तब तक काम कछुआ चाल से चलता है । आम इंसान सोचता है कि न जाने कब उसका कार्य पूरा होगा लेकिन जैसे ही नोटों की गर्मी पैदा होती है काम मे तेजी आने लग जाती है । बच्चों का शिक्षण संस्थान में दाखिला करवाना हो या किसी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराना हो बिना मुट्ठी गर्म किए यह कार्य संपन्न नहीं हो पाता है । भ्रष्टाचार की दीमक हमारी सारी व्यवस्था को खोखला कर रही है। कभी सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत आज भ्रष्टाचार के कीचड़ में धंस चुका है । भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रचलित रूप है रिश्वतखोरी आए दिन अखबारों में रिश्वत के कारनामे उजागर होते रहते हैं आज हरेक क्षेत्र में रिश्वतखोरी के रंग में रंग चुका है । लोगों में रिश्वत देकर काम निकलवाने की प्रवृत्ति घर करती जा रही है। सारी दुनिया जानती है कि भ्रष्टाचार अपने देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है लेकिन सबको यह भी मालूम है कि भ्रष्टाचार को खत्म करना बहुत आसान नहीं है सरकार ने बहुत सारे ऐसे विभाग बना रखे हैं जिनका काम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है । जनमानस में यह धारणा बैठ गई है कि रिश्वत देने से हर कठिन काम शुरू हो जाता है । इसलिए आज हर मौके पर और हर काम के लिए रिश्वत दी और ली जा रही है । सरकारी दफ्तरों में रिश्वत लेने का सिलसिला बहुत पुराना है ।

सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने अपने पत्र में सुझाव उल्लेख किया है कि सभी सरकारी कार्यालयों में अविलंब सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं और इन कार्यालयों में हर आने-जाने वाले पर कड़ी निगाह रखी जा सके । किसी भी कार्यालय में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के बार बार आवाजाही पर कड़ी नजर रखने के भी निर्देश दिए जाने चाहिए और सभी कार्यालय में स्वागत पर आगंतुक रजिस्टर में सभी की एंट्री रजिस्टर होनी चाहिए।

राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को समय-समय पर अच्छा एवं प्रशंसनीय कार्य करने के लिए सरकारी कर्मचारियों को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए पुरस्कृत और सम्मानित किया जाना चाहिए । उदाहरण के तौर पर रवि शंकर धाभाई ने भगवान लाल सोनी जो कि वर्तमान में महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान पुलिस एवं उनकी टीम जैसे अधिकारियों को पुरस्कृत करने के लिए भी लिखा है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने पत्र में श्रीमान भगवान लाल सोनी के नेतृत्व में सरकारी विभागों के कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए समय समय उनकी टीम द्वारा गिरफ्तार कर भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई एवम सजा के लिए सख्त कार्रवाई की जाती है जो कि एक सराहनीय कार्य है जिससे देश प्रगति करता है और देश में विकास होता है ।

इस प्रकार की भ्रष्टाचार गतिविधियों के कारण दिन पर दिन गरीब गरीब होता जा रहा है और अमीर अमीर होता जा रहा है देश में सभी नागरिकों की के योगदान एम भागीदारी निभाने की तुरंत आवश्यकता है जैसे कि देश विकासशील प्रगतिशील हो ।

सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने अपने पत्र के माध्यम से केंद्रीय गृहमंत्री मंत्री राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुरोध की किया है देश के समस्त सरकारी विभागों के उच्च अधिकारियों को इस सबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दें क्योंकि सरकार के द्वारा वैसे ही एक अच्छा वेतन सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है । रवि शंकर धाभाई इन अपने पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी है ।

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