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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर और स्वर्गीय ठेकेदार चंपालाल किशोरी लाल गोवर्धन लाल पुरोहित सेवा ट्रस्ट द्वारा आज जामसर स्थित ग्राम पंचायत खिचिंया गांव में बालसंत श्री छैल विहारी महाराज के द्वारा बालसंत का एक कदम पशु पक्षी एवं पर्यावरण संरक्षण सेवा हितार्थ सत्कार्यों से प्रेरित होकर “धर्म परायण समाजसेवी चम्पालाल ठेकेदार की धर्मपत्नि श्रीमती सावित्री पुरोहित द्वारा आज बाल संत श्रीछैल विहारी महाराज को 4 बीघा भूमि उपहार स्वरूप भागवत बाला सत्संग भवन आश्रम बनाने हेतु भेंट की गई। उपरोक्त अवसर पर भूमि पूजन किया गया। जिसके अंदर श्रीमती सावित्री देवी पुरोहित गोविंद राम सप्तनिक नैना देवी, गोपाल पुरोहित सपत्निक सीमा देवी, यजमान स्वरूप जोड़े से भूमि पूजन में सम्मिलित हुए। उपरोक्त आश्रम भुमि पुजन “मुख्य अतिथि “उद्योगपति समाजसेवी लतीफशाह जलालसर वालों”के सानिध्य में बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज को श्री मति सावित्री देवी पुरोहित द्वारा भूमि बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज को सुपुर्द की गयी।उपरोक्त अवसर पर बाल संत श्री छैल विहारी जी महाराज ने बताया कि उपरोक्त भूमि पर भागवत बाशा सत्संग भवन आश्रम कार्य कल से ही प्रारंभ किया जाएगा। आज भुमि पवित्र करण गंगाजल द्वारा गणेश व कलश पुजन स्थापना षोडशोपचार वेदोक्त विधी अनुसार संत मनुजी महाराज के सानिध्य में बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज व पंडित नितेश द्वारा किया गया।बालसंत श्रीछैल हारी ने बताया आगामी समय में भूमि का उपयोग भागवत बाशा सत्संग भवन आश्रम द्वारा गांव के अंदर एवं आसपास पर्यावरण संरक्षण वह पशु पक्षियों की सेवा हितार्थ काम में लिया जाएगा। उपरोक्त आश्रम के मेनेजर व व्यवस्थापक गोपाललाल पारीक होंगे जिनकी देख रेख में कल से सम्पूर्ण भुमि का समतलीय करण व सफाई तारबंदी द्वारा प्रांरभ होगा।उपरोक्त भागवत बाशा सत्संग आश्रम में बालसंत जी का निवास स्थल बनाना प्रस्तावित किया गया है।जिसमें मुख्य आश्रम में करीब 4 बीघा के अंदर चारों और विभिन्न प्रकार सेंकङो पेड़ पौधे लगाए जाएंगे,तत्पश्चात “तीन पुरोहित भाईयों की स्मृति हैतु स्व ठेकेदार चम्पालाल किशोरी लाल गोवर्धनलाल पुरोहित आदमकद तैलीयचित्र जड़वाकर फाल्गुन माह की खीचिंया गांव मेआयोजित भागवत सप्ताह कथा के शुभारंभ पर एक साथ लगवाये जायेंगे।उपरोक्त भुमि पुजन अवसर पर गोविन्द पारीक गोपाल पारीक नितेश आसदेव नंदनंदिनी नैनादेवी सीमा पुरोहित कुनाल पारीक आदि भी उपस्थित रहे। उपरोक्त समस्त जानकारी संस्थान के संरक्षक हरिकिशन नागल द्वारा दी गई।

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