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बीकानेर शिक्षा विभाग में वर्ष 2020.21 की प्रधानाचार्य पद की डीपीसी में प्रधानाध्यापक कोटे से रिक्त रहे करीब 500 पदों पर डीपीसी का रास्ता साफ हो गया है। वर्ष 20-21 की डीपीसी में विभाग ने 1192 शिक्षा अधिकारियों को ही प्रधानाचार्य पदों की पदोन्नति की पात्रता सूची में शामिल किया था जिससे वर्ष 2017-18 में प्रधानाध्यापक बने करीब 500 शिक्षा अधिकारी प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति से वंचित ही गए

इसकी वजह ये बताई गई थी कि इनकी 3 वर्ष प्रधानाध्यापक पद की अनुभव की शर्त पूरी नहीं होने से ये प्रधानाचार्य पद के लिए पात्र नहीं है। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद प्रेसाष् ने इसे विभाग की गलती बताते हुए • शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा से भेंट कर उन्हे बताया कि कार्मिक विभाग के आदेश 31ण्302015 के आदेशानुसार विभाग को पदोन्नति आदेशों में पदोन्नत किए जाने की तिथि अंकित करनी थी लेकिन विभाग ने तिथि अंकित नहीं की जिससे 17.18 में प्रधानाध्यापक बने शिक्षा अधिकारियों की 3 वर्ष के अनुभव की शर्त पूरी नहीं होना बताकर विभाग ने प्रधानाचार्य पदोन्नति से उन्हें वंचित कर दिया । विभाग ने जुलाई

2021 में शिक्षा सचिव से मार्गदर्शन मांगा जिस पर संयुक्त सचिव ने कार्मिक विभाग के आदेश 31 मार्च 2015 के अनुसार 2015-16 से पदोन्नति तिथि अंकित करते हुए पात्र प्रधानाध्यापकों को वर्ष 20-21 की प्रधानाचार्य डीपीसी में शामिल करने का विभाग को मार्गदर्शन दिया है।

संयुक्त शिक्षा सचिव शिक्षा ग्रुप 2 प्रवीण कुमार लेखरा ने निदेशक को फटकार लगाते हुए अनावश्यक पत्र व्यवहार नहीं करने तथा कार्मिक विभाग के 31 मार्च 2015 के आदेशानुसार चयन तिथि अंकित करते हुए पात्र प्रधानाध्यापकों को वर्ष 20.21 की डीपीसी में शामिल करने तथा भविष्य में जारी वाले पदोन्नति आदेशों में पदोन्नति तिथि अंकित करने के निर्देश दिए है।

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