Trending Now




बीकानेर हौसले बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है। कुछ ऐसे ही बुलन्द हौसले के साथ सॉफ्टबॉल खेल रहे राजू बर्मन। करीब 10 साल पहले कोलकाता से बीकानेर आए राजू के माता-पिता करणी नगर के पास झुग्गी-झोपड़ी में रहते है। आगे बढ़ने के जुनून से राजू सॉफ्टबॉल में कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड के साथ सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके है। वह सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ रहे है। हाल ही में राष्ट्रीय सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में राजस्थान टीम की तरफ से भी खेला है।

पीटीआइ बनने का सपना

सॉफ्टबॉल खिलाड़ी राजू का सपना है कि पढ़ लिखकर पीटीआइ बने। इसके बाद खुद का एक बड़ा घर बनाए और देश के लिए नए खिलाड़ी तैयार कर सके।साथ ही खेलते हुए लगातार 10 साल तक गोल्ड जीते, यह सपना है। राजू ने बताया कि पिता मजदूरी करके जो कमाते हैं उससे घर खर्च बड़ी मुश्किल से चलता है। वे खेल के लिए जरूरत के हिसाब से मदद भी करते है। एक भाई भी है, जो मजदूरी करता है।

जीत चुके है कई मेडल

2019 में स्कूली 14 वर्ष नेशनल प्रतियोगिता में टीम ने गोल्ड जीता। इस प्रतियोगिता में बेस्ट पिचर (जो बॉल फेंकता है) रहे। – 2019 में ही पंजाब में आयोजित सब-जूनियर नेशनल प्रतियोगिता व 2020 में कटक में आयोजित सब-जूनियर प्रतियोगिता में राजस्थान की टीम ने गोल्ड जीता, इनमें भी यह टीम का हिस्सा रहे।

स्टेट लेवल प्रतियोगिताओं में 4 गोल्ड, 2 सिल्वर व 2 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके है।

विषम परिस्थितियों को मात देकर बना खिलाड़ी

राजू बर्मन 2016 में जिस स्कूल में पढ़ता था, मैं भी वही था। राजू को शुरू से ही कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। परन्तु, अपनी मेहनत और लगन से हर समस्याओं को दूर किया। वह अपने वर्ग में न केवल राजस्थान बल्कि भारत में भी श्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल है। यदि उच्च क्वालिटी के उपकरण मिल जाए तो यह जल्द ही भारतीय टीम में खेलता नजर आएगा।

सुबोध मिश्रा, सचिव, जिला सॉफ्टबॉल संघ

Author