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बीकानेर,स्थानीय निकायों एवं पंचायत राज संस्थाओं में राजनीतिक आरक्षण को लेकर राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनीतिक प्रतिनिधित्व) आयोग ने गुरुवार को जिला परिषद सभागार में संभाग स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश मदन लाल भाटी एवं सदस्यों गोपाल कृष्ण, प्रो. राजीव सक्सेना,  मोहन मोरवाल, पवन मंडाविया व सचिव अशोक कुमार जैन ने जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, नागरिक संस्थाओं से जनसंवाद किया। कार्यक्रम में कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी, श्री डूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत, चंपालाल गेदर,  श्याम पंचारिया, सुमन छाजेड़, अशोक प्रजापत समेत संभाग के चारों जिलों बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू से आए जनप्रतिनिधि, सामाजिक व नागरिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश मदन लाल भाटी ने कहा कि आयोग संभाग स्तर पर संवाद के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने के लिए फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा जिससे ओबीसी वर्ग के लोगों को स्थानीय निकायों एवं पंचायत राज संस्थाओं में पर्याप्त संख्या में राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल सके।

‘जल्द होगा ओबीसी वर्ग को लेकर विस्तृत सर्वे”
उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा स्वतंत्र रूप से सर्वे भी कराया जाएगा जिसमें 19 बिंदुओं पर रिपोर्ट लेते हुए ओबीसी वर्ग का राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन का पारदर्शिता से आकलन किया जा सके। उन्होंने बताया कि आयोग ओबीसी वर्ग के वंचितों को आरक्षण का लाभ मिल सके इसके लिये राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिये सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

आयोग के सदस्य सचिव अशोक जैन ने आयोग के गठन एवं उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों की पालना में राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिये आयेाग संवाद एवं सर्वे कर रहा है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा सर्वे के लिये स्वतंत्र संस्था के साथ मोबाइल एप से भी सहायता ली जाएगी जिससे सटीक जानकारी मिल सके। उन्होंने स्थानीय निकायों में राजनीतिक आरक्षण के संबंध में आयोग के कार्यालय, मेल के द्वारा अथवा व्यक्तिशः मिलकर सुझाव देने के बारे में अनुरोध किया।

कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने ओबीसी आयोग को साइंटिफिक डेटा देने का आह्वान किया। ताकि आयोग सही निर्णय ले सके। श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत ने मूल ओबीसी वर्ग की जातियों का संरक्षण करने और उन्हें उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने की बात कही। चंपालाल गेदर, सुमन छाजेड़ और  श्याम पंचारिया ने आयोग के सदस्यों से ओबीसी वर्ग की पीड़ा समझने और उसका समाधान निकालने का आह्वान किया। जिला परिषद की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रियंका तिलानिया और नगर निगम के उपायुक्त यशपाल आहूजा ने जनसंवाद कार्यक्रम में आये सभी प्रतिभागियों का स्वागत कर राजनीतिक प्रतिनिधित्व के बारे में सुझाव देने का आह्वान किया।

*जनसंवाद कार्यक्रम में ये आये सुझाव*
जनसंवाद कार्यक्रम में संभाग के चारों जिलों बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू से आए जनप्रतिनिधियों, सामाजिक व नागरिक संगठनों के पदाधिकारियों ने सुझाव दिये। जनसंख्या के आधार पर ओबीसी का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने का सुझाव सभी ने दिया। बहुत से जनप्रतिनिधियों ने ओबीसी वर्ग में भी मूल ओबीसी जातियों का संरक्षण करने हेतु पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग बनाकर राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। इसके अलावा राजनीतिक, शैक्षणिक, पिछड़ापन जिलेवार अलग-अलग होने के कारण राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी जिलेवार अलग अलग तय करने का सुझाव भी आया।

*जनसंवाद कार्यक्रम में इन्होंने दिए सुझाव*
जनसंवाद कार्यक्रम में कोलायत विधायक अंशुमान श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत चंपालाल गेदर, सुमन छाजेड़ और  श्याम पंचारिया, एडवोकेट अशोक प्रजापत, एडवोकेट अशोक भाटी, मिलन गहलोत, दौलतराम, सूर्य प्रकाश स्वामी, हनुमानगढ़ से आए मुकेश भार्गव, नत्थूराम, सुनील भाटी, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के महासचिव रूपाराम कालीराणा समेत चारों जिले से आए अन्य जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिए। कार्यक्रम में मंच संचालन जिला परिषद के आईईसी समन्वयक गोपाल जोशी ने किया।

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