
बीकानेर,इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) तथा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) के संयुक्त तत्वावधान में इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर में सूचना सुरक्षा एवं शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत पाँच दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण सत्र 28 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का मुख्य विषय कृत्रिम बुद्धिमत्ता/मशीन शिक्षण में सुरक्षा एवं साइबर–भौतिक प्रणालियों की संरक्षण व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य उभरते डिजिटल जोखिमों के परिप्रेक्ष्य में तकनीकी समुदाय को उन्नत सुरक्षा ज्ञान से सशक्त बनाना है।
उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बीकानेर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम सिटी) श्री रमेश देव उपस्थित रहे। उन्होंने बढ़ते साइबर अपराधों को गंभीर चुनौती बताते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज में डिजिटल सतर्कता बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के सहयोग से आमजन के लिए भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ओमप्रकाश जाखड़ ने कहा कि आधुनिक तकनीकी युग में अभियंताओं का कर्तव्य केवल नवाचार तक सीमित नहीं है, बल्कि सुरक्षित एवं जिम्मेदार डिजिटल समाज के निर्माण में उनका योगदान अनिवार्य है। वहीं, परियोजना के मुख्य परियोजना अधिकारी श्री राजकुमार चौधरी ने सूचना सुरक्षा शिक्षा जागरूकता परियोजना की प्रगति, उपलब्धियों तथा चल रहे अनुसंधान कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों—भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जम्मू एवं मुंबई तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कालीकट—के प्रख्यात विशेषज्ञ उपस्थित रहे। इनमें डॉ. यमुना प्रसाद, डॉ. सत्यदेव अहलावत, सुश्री मंड्रु सुमा श्री, डॉ. चंद्रमणि चौधरी, डॉ. निर्मल कुमार बोरान और प्रो. वीरेंद्र सिंह शामिल हैं। ये विशेषज्ञ कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सुरक्षा, शत्रुतापूर्ण आक्रमण (एडवर्सरी अटैक), तथा साइबर–भौतिक प्रणालियों की सुरक्षा व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन तकनीकी सत्र प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम में सह–परियोजना अधिकारी डॉ. अजय चौधरी एवं डॉ. राहुल राज चौधरी सहित संकाय सदस्य—धनरूप मल नागर, प्रताप सिंह, डॉ. सुभाष पंवार, डॉ. मनोज कुड़ी, डॉ. अवधेश व्यास, डॉ. विजय मोहन व्यास तथा विनोद चौधरी—उपस्थित रहे। बड़ी संख्या में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रतिभागियों की सहभागिता ने कार्यक्रम को अत्यंत सफल व प्रभावी बनाया।
संचालन डॉ. गरिमा प्रजापत ने किया तथा अंत में सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।












