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बीकानेर,जयपुर,राजधानी के अजमेर रोड़ स्थित प्राचीन ऋषभदेव दिगंबर जैन मंदिर में तीन दिवसीय नवीन वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव का रविवार को आचार्य नवीननंदी महाराज और छुल्लिका मुक्तिप्रभामति माताजी संसघ सानिध्य और बालब्रह्मचारी पुष्पेंद्र भैया एवं पंडित विमलचंद जैन शास्त्री के निर्देशन में श्रद्धा, भक्तिभाव, उत्साह और आध्यात्म के साथ सम्पन्न हुआ। श्रद्धालुओं की उपस्थिति और धार्मिक उत्साह ने पूरे क्षेत्र को मंगलमय बना दिया। महोत्सव के दौरान श्रद्धा-भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा और मंदिर परिसर सहित पूरे नगर में उल्लासपूर्ण धार्मिक वातावरण बना रहा।

पालकी में विराजमान होकर श्रीजी की निकली भव्य नगर यात्रा

समारोह समिति अध्यक्ष कुलदीप चौधरी और महामंत्री प्रमोद बाकलीवाल ने बताया कि रविवार प्रातः भगवान ऋषभदेव के दिव्य स्वरूप को मंगलवाद्यों, ढोल-नगाड़ों, ध्वज-पताकाओं और पुष्पवर्षा के बीच सजाए गए सुंदर पालकी में विराजमान किया गया। इसके पश्चात् विशाल नगर यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में, हाथों में धर्म ध्वज लिए, ‘भगवान ऋषभदेव जयती’, ‘धर्म की जय – अहिंसा की जय’ जैसे जयकारों के साथ चल रहे थे। मार्ग में स्थान-स्थान पर स्वागत द्वारों और पुष्पवर्षा ने शोभा बढ़ाई।

नई वेदी पर जयकारों के साथ विराजमान हुए भगवान

अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि मुख्य आचार्यश्री के आशीर्वचनों के साथ मुख्य विधिकारकों द्वारा वेदी शुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा एवं विविध प्रतिष्ठा-विधानों से युक्त पवित्र समारोह सम्पन्न किया गया। मंत्रोच्चार और पारंपरिक विधि-विधान के बीच नई निर्मित वेदी पर भगवान आदिनाथ के भव्य स्वरूप को जय-जयकारों और मंगल ध्वनियों के साथ विराजमान किया गया।
पूरे वातावरण में दिव्य कंपन, कलशों की घंटी-नाद और श्रद्धालुओं की भावविभोर उपस्थित ने इस क्षण को ऐतिहासिक बना दिया।

श्रद्धा-भक्ति और सामूहिक उत्साह ने महोत्सव को बनाया अविस्मरणीय

गौरवध्यक्ष महावीर पाटनी और कोषाध्यक्ष सीए मनीष छाबड़ा ने बताया कि तीन दिन तक चले महोत्सव में प्रतिदिन प्रातः-वंदना, अभिषेक-पूजन, शांतिधारा, धर्मसभा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, गुरुभक्ति और विशाल सामूहिक आरती का आयोजन हुआ। भक्तों का कहना था कि यह आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान था बल्कि समुदाय को जोड़ने वाला आध्यात्मिक पर्व भी रहा।

महोत्सव में कई विशिष्ट संतों और गणमान्यजनों की उपस्थित

आयोजन में कमलचंद छाबड़ा, सुनील सोगानी, रमेश ठोलिया, सुरेश बडजात्या, राजकुमार खंडाका, आशीष चौधरी, चक्रेश जैन, रमेश जैन, विभोर जैन सहित बगरू, जोबनेर, मानसरोवर, मुरलीपुरा इत्यादि स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और श्रीजी के दर्शन और आचार्य संघ का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। अंतिम दिन का समापन विश्व शांति महायज्ञ, मूलनायक भगवान की आरती, शांति-पाठ, आचार्य संघ का पिच्छिका परिवर्तन, शास्त्र भेंट, पाद प्रक्षालन, आचार्य श्री के आशीर्वचन और महाप्रसाद के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने परिवार सहित दर्शन किए और नई वेदी पर विराजमान हुए भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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