
बीकानेर,केंद्रीय पर्यटन एवं कला मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पर्यटन स्थलों पर पर सुविधाएं बढ़ाने के साथ इनमें कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में भी सुनियोजित तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री शेखावत रविवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा ‘विकसित भारत विकसित राजस्थान@2047 के संदर्भ में ‘पश्चिमी राजस्थान में पर्यटन की पुनर्कल्पना’ विषयक संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में शिवबाड़ी महंत स्वामी विमर्शानन्द तथा बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य पर दुनिया के देशों में जीडीपी की10 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी पर्यटन क्षेत्र की है। भारत में यह भागीदारी 5.5 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से प्रयास करते हुए इसे विश्व जीडीपी के औसत पर लाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए पॉलिसी निर्धारण और क्रियान्वयन किया जा रहा है।
शेखावत ने कहा कि देश की पर्यटन जीडीपी में राजस्थान का हिस्सा अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक है। यहां जैसी संभावनाएं और विविधताएं हैं, इनके मध्यनजर यहां अनेक अवसर मौजूद हैं। भारत में अमेरिका के बाद डॉमेस्टिक टूरिज्म की सर्वाधिक संभावनाएं हैं। गत वर्ष अयोध्या के श्री राम मंदिर में 8 करोड़ तथा उज्जैन के महाकाल मंदिर में 7.5 करोड़ लोग पहुंचे। गत महाकुंभ में 45 दिनों में 66 करोड़ लोगों का पहुंचना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड के बाद हमारा देश पर्यटन की दृष्टि से टॉप रिवाइवल देश में है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेल, सड़क और वायु मार्ग में सुविधाओं का विस्तार हुआ है। धार्मिक एवं अन्य पर्यटन स्थलों पर 5 हजार करोड़ रुपए निवेश किए गए हैं। नए पुराने पर्यटक स्थलों को नया रूप देने तथा नए स्थल विकसित करने के पर गत वर्ष 3300 करोड रुपए खर्च किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 50 नए आईकॉनिक पर्यटन स्थल तैयार किया जा रहे हैं। इन्हें विश्व स्तर के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रत्येक राज्य में काम से कम एक पर्यटक स्थल इसी तर्ज पर विकसित हो रहा है। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में तैयार पर्यटन नीति तथा पर्यटकों के लिए किया जा रहे नवाचारों की सराहना की।
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बीकानेर कहा कि बीकानेर अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए विश्व विख्यात है। यहां पर्यटन की दृष्टि से अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बीकानेर में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टूरिज्म एंड ट्रैवलिंग मैनेजमेंट की शाखा खोलने का आग्रह किया। साथ ही खाद्य पदार्थों एवं दूध की टेस्टिंग लेब स्थापित करने की आवश्यकता जताई।
इस दौरान पर्यटन विशेषज्ञ गोपाल सिंह चौहान ने ‘इको टूरिज्म’ विकसित करने, फोक म्यूजिक फेस्टिवल आयोजित करने तथा प्रदेश के सभी जिलों में पर्यटन की दृष्टि से कार्य करने का सुझाव दिया। होटल व्यवसाय विशेषज्ञ डॉ. नरेश गोयल ने एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने तथा हेरिटेज रूट को विकसित करने, इमरान उस्ता ने उस्ता कला से युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए सुनियोजित ढंग से प्रशिक्षण आयोजित करने की बात रखी।
उद्यमी विजय सिंह राठौड़ ने मेलों और उत्सवों के प्रचार प्रसार करने, आशि शर्मा ने पाठ्यक्रम में पर्यटन से जुड़े तथ्य शामिल करने और बच्चों को इनसे जोड़ने की बात कही। लोक कलाकार गोपाल बिस्सा शहर की हवेलियों के संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाने एवं नाइट टूरिज्म को विकसित करने का सुझाव दिया।
समारोह में पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर, अतिरिक्त कलेक्टर नगर रमेश देव, कुलसचिव कुणाल राहड़, वित्त नियंत्रक देवेंद्र सिंह राठौड़, अतिरिक्त कुलसचिव डॉ बिठ्ठल बिस्सा, डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली, डॉ. अमित व्यास सहित विश्वविद्यालय के स्टाफ सदस्य, विद्यार्थी तथा अन्य क्षेत्र के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।












