
बीकानेर, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा शुक्रवार को विद्यार्थियों हेतु “पशुचिकित्सा में उद्यमिता विकास“ विषय पर संवेदीकरण कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलगुरु डॉ. सुमंत व्यास ने बताया की वर्तमान परिपेक्ष्य में पशुचिकित्सा विज्ञान के रोजगारोन्मुखी के विभिन्न पहलुओं को समझना विद्यार्थियों के लिए अति आवश्यक है ताकि विद्यार्थी पारंपरिक पशुचिकित्सा रोजगार के अतिरिक्त उद्यमिता के नवीन स्त्रोत (स्टार्ट-अप) विकसित कर सकें। कूलगुरू डॉ. व्यास ने बताया की भारत के पशुओं की बढ़ती जनसंख्या, पशुओं में हेल्थकेयर की बढ़ती मांग और आमजन में डेयरी प्रोडक्टस की बढ़ती पसंद की वजह से पशुचिकित्सा एवं पशुपालन के क्षेत्र में एंटरप्रेन्योरशीप का विकास तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद के निदेशक डॉ. गोपाल लाल ने संस्थान की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि कार्यक्रम में डेयरी, पोल्ट्री, फीड़ व फार्मासूटीकल के बढ़ने के साथ वेटरनरी सेक्टर मे स्वरोजगार के लिए कई अवसर है। वेटरनरी विद्यार्थियों को कोर्स से करियर और नौकरी ढूढ़ने वालो की जगह नौकरी देने वालो की तरफ प्रेरित होना चाहिये। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विजय अविनाशिलिंगम ने विद्यार्थियों को शिक्षा में उद्यमशीलता की मानसिकता को बढावा देना विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर व उदयपुर के अंतिम वर्ष के स्नातक, इर्न्टन, स्नातकोत्तर एवं पी.एच.डी. विद्यार्थी प्रतिभागी रहे।











