










बीकानेर,जयपुर डिस्कॉम अपनी विजिलेंस कार्यवाही कर उसकी न्यूज जनता की जानकारी हेतु मैसेज के रूप में डाल देती है, इससे पता चलता है कि जयपुर डिस्कॉम की विजिलेंस विंग एक्टिव है, इससे बिजली चोरी करने वालों में भी भय व्याप्त होता है । निश्चित तौर पर इससे बिजली की छीजत कम होती है ।
राजस्थान में दो डिस्कॉम और भी बने हुए हैं, इनका नाम जोधपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम है । इन दोनों डिस्कॉम में भी विजिलेंस विंग बनी हुई है, उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी भी हर जिले में लगे हुए हैं, लेकिन इन दोनों डिस्कॉम की कोई विजिलेंस activity की कोई खबर समाचार पत्रों में नहीं आती है, इसका मतलब दोनों डिस्कॉम विजिलेंस मामलों में सक्रिय नहीं है, बिजली छीजत, चोरी को रोकने के लिए प्रयासरत नहीं है ।
तीनों डिस्कॉम की सीएमडी आरती जी डोगरा ही है, इनको इन दोनों डिस्कॉम की विजिलेंस विंग को मासिक टारगेट देने चाहिए, इनकी मॉनिटरिंग व्यवस्था का कार्य हर जिले के अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी को देना चाहिए । हर डिस्कॉम के एम डी को भी इस कार्य की मॉनिटरिंग करनी चाहिए, टारगेट पूरा न करने वाले अधिकारियों पर शिकंजा कसना चाहिए । बिजली चोरी कम होगी तो ही निगमों का घाटा कम होगा ।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग को घाटे की बैलेंस शीट निगमों द्वारा रखने पर हर डिस्कॉम से बिजली छीजत के आंकड़े लेने चाहिए, उसके लिए क्या प्रयास किया, यह भी पूछना चाहिए, बिजली दर घाटे के आधार पर नहीं बढ़ाई जानी चाहिए । आयोग को जनहित भी सोचना चाहिए। निगम प्रशासन पर सख्ती करनी चाहिए ।
जनहित में जारी ।
