










बीकानेर,अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की केंद्रीय कमेटी की वर्धा (महाराष्ट्र) में तीन दिवसीय बैठक प्रारम्भ हुई। बैठक में देशभर से आई महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राजस्थान से प्रदेश महासचिव डॉ. सीमा जैन भी शामिल हुई और राज्य की महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में महिलाओं के सामने बढ़ते सामाजिक-आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक हमलों की समीक्षा की गई। समिति ने कहा कि आज देश में महिलाओं के अधिकारों पर लगातार चोट की जा रही है, महंगाई, बेरोज़गारी और मजदूर-किसान विरोधी नीतियों का सबसे अधिक असर महिलाओं पर पड़ रहा है। खाद्य सुरक्षा, पोषण योजनाओं, आशा-आंगनवाड़ी-मिड डे मील कर्मियों के अधिकारों में भारी कटौती की जा रही है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ रही है, परंतु सरकारें सुरक्षा व न्याय सुनिश्चित करने में विफल हैं।
राजस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए डॉ. सीमा जैन ने कहा कि राज्य में महिलाओं के रोजगार, सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी समस्याएं बेहद गंभीर हैं। उन्होंने मजदूर महिलाओं, मनरेगा मजदूरों, घरेलू कामगारों, आंगनवाड़ी व आशा मिड डे मिल कार्यकर्ताओं की मुश्किलों और उन पर बढ़ते बोझ की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं में लगातार बजट कटौती और ऑनलाइन प्रक्रियाओं की बाधाओं ने महिलाओं को और परेशान किया है।
बैठक में यह भी तय किया गया कि—
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए देशव्यापी अभियान तेज किए जाएंगे।
मजदूर-किसान-युवा-छात्र संगठनों के साथ मिलकर संयुक्त आंदोलन चलाए जाएंगे।
महिलाओं पर बढ़ते उत्पीड़न, सांप्रदायिकता और आर्थिक लूट के खिलाफ व्यापक जनजागरण किया जाएगा।
समिति ने जोर दिया कि महिलाओं की स्वतंत्रता, समानता और सम्मान की लड़ाई को पूरे देश में नई ऊर्जा और व्यापक एकजुटता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
अंत में केंद्रीय कमेटी ने सरकार से मांग की कि हर महिला के लिए सुरक्षा, न्याय और समान अवसर सुनिश्चित किए जाएं, मजदूर व गरीब महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूत किया जाए, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की जाए।
