










बीकानेर,केन्द्र व राज्य सरकार के विकास के दावों के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसमें बीच सड़क वाहन में ही एक प्रसूता का प्रसव हुआ है। इसकी वजह न तो किसी एम्बूलेंस का खराब होना था और न ही वाहन का। बल्कि इसकी बड़ी वजह रही एक माह से क्षतिग्रस्त सड़क। जहां से पैदल राहगीर तो क्या वाहन चालकों का भी चलना दुभर सा है। जी हां यह मामला बीकानेर के करणीनगर इलाके क ा है। जहां देर रात क्षतिग्रस्त सड़क का श्राप एक प्रसूता का भोगना पड़ा। लेबर पेन से कराहती महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही नौनिहाल को जन्म दिया। बताया जा रहा है कि इस सड़क पर पिछले एक माह से ज्यादा का समय से सीवरेज का काम चल रहा है। जिसके कारण सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। न केवल इस क्षेत्र में रहने वाले बल्कि क्षेत्र में स्थित कार्यालयों में कार्यरत कार्मिक व दुकान संचालक भी खासे परेशान है। इसको लेकर कई बार स्थानीय समाचार पत्रों में खबरों का प्रकाशन भी हो चुका है। किन्तु जिला प्रशासन के आलाधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। हालात यह है कि इस क्षेत्र सहित पूरे शहर का यही हाल है। परन्तु इसकी सुध न तो प्रशासनिक अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि ले रहे है।
पूर्व पार्षद न दी चेतावनी
इस घटना के बाद पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई ने इसको लेकर नाराजगी जताते हुए प्रशासन के अधिकारियों को चेताया है। सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव आकर विश्नोई ने कहा है कि अगर एक माह में इस सड़क ही सूरत न बदली तो सीवरेज कंपनी टैक्नो की शिरत बदल देंगे। प्रशासन को नींद से जगाने के लिये आन्दोलन किया जाएगा। विश्नोई ने घटना पर शर्मसार होते हुए कहा कि सरकार महिला सुरक्षा व प्रसूताओं को लेकर बड़े बड़े दावे करती है। लेकिन हकीकत इन दावों से परे है।
केन्द्रीय मंत्री भी जता चुके है व्यथा
मंजर तो यह है कि केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी शहर की सड़कों के खस्ता हाल को लेकर पिछले दिनों जिला कलक्टर सभागार में हुई बैठक में व्यथा जता चुके है। फिर भी प्रशासन के मुखिया को इसकी कोई परवाह नहीं है। ऐसा लगता है कि सरकार के इन नुमाईदों को राज में बैठे इन नेताओं की बात का भी कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रशासन के अधिकारी आंकड़ों का मंकडजाल बुनकर सरकार को गुमराह करने का काम कर रहे है।
कंपनी पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं
मजे की बात तो यह है कि समाचार पत्रों,सोशल मीडिया प्लेटफार्म व टीवी चैनलों में लापरवाह सीवरेज सिस्टम को लेकर अनेक बार खबरों छपने के बाद भी संभागीय आयुक्त या जिला कलक्टर की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। कंपनी की ओर से शहर में सीवरेज कार्य की निर्धारित समय अवधि बीत जाने के बाद भी कंपनी पर न तो जुर्माना लगाया जा रहा है और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई का दंड दिया जा रहा है।
