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बीकानेर,आचार्य तुलसी कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की ओर से शनिवार को रिद्धि सिद्धि रिसोर्ट में हेमेटोलॉजी एवं बोनमैरो कांक्लेव 2025 (थर्ड चैप्टर) का शुभारंभ हुआ। डॉ. पंकज टांटिया की अगुआई में आयोजित इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में सुबह 8 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ और 300 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया। कार्यक्रम में पैथोलॉजी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन और ब्लड कैंसर के इलाज पर गहन चर्चा हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत पैथोलॉजी और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन पर लेक्चर से हुई। जयपुर की डॉ. शशी बंसल ने बोन मैरो जांच को और बेहतर बनाने के तरीके बताए, जबकि एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीतिका अग्रवाल ने नई सीबीसी मशीनों के पैरामीटर्स पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पीबीएम हॉस्पिटल में इंस्टॉल नई मशीनों से बड़ी जांचों की जरूरत कम हो जाएगी और बीमारियां जल्दी पकड़ी जा सकेंगी।

मुख्य वक्ता मुंबई बॉम्बे हॉस्पिटल के विभागाध्यक्ष एवं मुंबई हेमेटोलॉजी ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एमबी अग्रवाल ने ब्लड कैंसर की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “ब्लड कैंसर आज जानलेवा और आम हो गया है। इसे नियंत्रित करने के लिए जांच सुविधाएं बढ़ानी होंगी, ताकि मरीज को जल्दी पता लगे और इलाज संभव हो।”

गुड़गांव फोर्टिस हॉस्पिटल के हेमेटोलॉजी एवं बीएमटी विभागाध्यक्ष डॉ. राहुल भार्गव, जिनके पास 1200 से अधिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट का अनुभव है, ने कहा कि ऐसे आयोजन डॉक्टरों को एक प्लेटफॉर्म देते हैं। “200-300 डॉक्टरों को एक साथ प्रशिक्षित कर हम हेमेटोलॉजी मरीजों की डायग्नोसिस और बचाव दर बढ़ा सकते हैं।”

तीसरे मुख्य वक्ता डॉ. तेजिंदर सिंह ने जांच की नई तकनीकों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नई तकनीकें बीमारी की सटीकता, गति और इलाज की प्रभावशीलता का पता लगाने में मदद करती हैं।

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा ने हेमेटोलॉजी को रोजमर्रा की जिंदगी से जोड़ा। उन्होंने कहा, “प्रेग्नेंसी, नॉर्मल मेडिसिन या बार-बार ब्लड चढ़ाने वाले केसों में यह दीपक की तरह रोशनी दिखाता है। ऐसे आयोजन उम्मीद की किरण हैं।” उन्होंने आयोजन समिति को बधाई दी।

नवनिर्वाचित अधीक्षक डॉ. बी घीया ने सम्मेलन को सफल बताया और बड़े डॉक्टरों का धन्यवाद किया। उन्होंने वादा किया कि बताए नए तरीके जल्द पीबीएम में लागू किए जाएंगे।

आयोजन समिति सचिव डॉ. पंकज टांटिया ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “पिछले साल भी 300 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया था। इन मीटिंग्स से डॉक्टरों की नॉलेज, इलाज और जांच अपग्रेड होती है।”

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड: कार्यक्रम में आचार्य तुलसी कैंसर हॉस्पिटल के पूर्व निदेशक डॉ. एचएस कुमार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। मौके पर प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा, अधीक्षक डॉ. बी घीया, डॉ. एमबी अग्रवाल, डॉ. राहुल भार्गव, डॉ. तेजिंदर सिंह आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में एसपी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल, आचार्य तुलसी कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर की निदेशक डॉ. नीति शर्मा, मेडिकल ऑंकोलॉजिस्ट डॉ. सुरेंद्र बेनीवाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पुखराज साध, डॉ. आयुषी श्रीवास्तव, डॉ. श्याम अग्रवाल, डॉ. सत्येंद्र कटेवा, डॉ. नौरंगलाल महावर, डॉ अरुण भारती, डॉ. राजेश सिंवर आदि ने भी महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

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