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बीकानेर,जैन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकानेर के विद्यार्थियों ने आज शैक्षणिक गतिविधियों के अंतर्गत एक विशेष शैक्षणिक भ्रमण किया। इस भ्रमण में विद्यार्थियों ने बीकानेर रेलवे स्टेशन पर आयोजित प्रदर्शनी तथा राज्य अभिलेखागार, बीकानेर का अवलोकन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक धरोहरों से परिचित कराना तथा स्थानीय विरासत के प्रति संवेदनशील बनाना था।

भ्रमण के प्रथम चरण में विद्यार्थियों ने बीकानेर रेलवे स्टेशन पर आयोजित विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यहाँ रेलवे अधिकारियों द्वारा विद्यार्थियों को रेलवे की स्थापना, विकास यात्रा, सिग्नलिंग प्रणाली, इंजन तकनीक, यातायात संचालन और सुरक्षा प्रबंधन के विषय में रोचक जानकारी प्रदान की गई। विद्यार्थियों ने रेलवे के विभिन्न विभागों — यांत्रिक, परिचालन, निर्माण एवं संचार — के बारे में व्यावहारिक रूप से जाना। उन्होंने यह भी देखा कि कैसे बीकानेर रेल मंडल समय के साथ आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए निरंतर प्रगति कर रहा है।

भ्रमण के दूसरे चरण में विद्यार्थियों ने राज्य अभिलेखागार, बीकानेर का दौरा किया। अभिलेखागार में विद्यार्थियों का स्वागत डॉ. मनीष मोदी, वरिष्ठ सहायक (अभिलेखागार) ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अभिलेखागार के ऐतिहासिक महत्व, वहाँ संरक्षित दस्तावेजों, पांडुलिपियों, राजकीय अभिलेखों तथा संरक्षण तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया।
डॉ. मोदी ने बताया कि बीकानेर का राज्य अभिलेखागार देश के सबसे पुराने और समृद्ध अभिलेखागारों में से एक है, जहाँ सैकड़ों वर्ष पुराने राजकीय दस्तावेज़, पत्र, नीतियाँ, फरमान और शिलालेख सुरक्षित हैं। विद्यार्थियों ने विभिन्न दस्तावेज़ों को देखकर इतिहास की झलक प्रत्यक्ष रूप में अनुभव की और कई जिज्ञासापूर्ण प्रश्न भी पूछे।

भ्रमण के पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र चौधरी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा —

“ऐसे शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए जीवंत शिक्षण का माध्यम हैं। इतिहास, तकनीक और प्रशासन को प्रत्यक्ष देखकर विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को गहराई से समझते हैं। यह अनुभव उनके बौद्धिक और व्यक्तित्व विकास में अमूल्य योगदान देता है।”

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शिवराम सिंह झाझडिया ने अपने उद्बोधन में कहा —

“राज्य अभिलेखागार हमारी सांस्कृतिक स्मृति का जीवंत केंद्र है। विद्यार्थियों को इन संस्थानों से जोड़ना उन्हें अपनी विरासत पर गर्व करने और समाज के प्रति जिम्मेदारी समझने की प्रेरणा देता है।”

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सतपाल मेहरा एवं डॉ. भारती सांखला ने कहा —

“ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों में टीम भावना, अनुशासन, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र सेवा की भावना को मजबूत करते हैं। यह केवल शैक्षणिक अनुभव नहीं बल्कि जीवन मूल्य सिखाने का माध्यम भी हैं।”

स्काउट प्रभारी डॉ. कृष्ण कुमार खत्री ने कहा —

“विद्यार्थियों को इस प्रकार के भ्रमण से सहयोग, नेतृत्व और अनुशासन की भावना विकसित करने में मदद मिलती है। स्काउटिंग का यही उद्देश्य है कि शिक्षा व्यवहारिक और प्रेरणादायी बने।”

एन. सी. सी. अधिकारी श्री फरसाराम चौधरी ने बताया कि ऐसी गतिविधियां विद्यार्थियों के जीवन स्तर में अनुशासन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. सुशील कुमार दैया ने कहा —

“ऐसे अध्ययन भ्रमण विद्यार्थियों में अनुसंधान की प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं और उन्हें अपने विषय को व्यवहारिक दृष्टि से समझने में सहायता करते हैं।”

डॉ. राजेश रांकावत ने विद्यार्थियों से ऐसी सह- शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदारी निभाने हेतु प्रोत्साहित किया।

श्रीमती राधिका नाहटा, श्रीमती रीना रानी एवं श्रीमती पिंकी भाटी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा —

“विद्यार्थियों को ऐसी गतिविधियों से न केवल शैक्षणिक लाभ होता है बल्कि उनमें सामाजिकता, आत्मविश्वास और संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना भी विकसित होती है। यह अनुभव उनके जीवन की महत्वपूर्ण सीख बन जाते हैं।”

भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न विभागों में जाकर अधिकारियों से संवाद किया और अनेक जानकारियाँ प्राप्त कीं। विद्यार्थियों ने इस भ्रमण को अत्यंत रोचक, शिक्षाप्रद और प्रेरणादायी बताया।

कार्यक्रम का सफल संचालन महाविद्यालय की टीम द्वारा किया गया। अंत में सभी ने इस प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियों को निरंतर आयोजित करने पर बल दिया ताकि विद्यार्थी व्यवहारिक अनुभव से समृद्ध हो सकें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी सदस्य मौजूद थे।

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