









बीकानेर, पीबीएम ट्रोमा सेंटर, बीकानेर में एसीएल पुननिर्माण घुटनों की गद्दी मरम्मत का नवीनतम एवं आधुनिक तकनीक द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया है। यह ऑपरेशन मा योजना के तहत निशुल्क कियां गया है।
ट्रॉमा सेंटर के निदेशक डॉ बी एल खजोटिया ने बताया कि मरीज घनाराम पुत्र प्रकाशचंद को एक वर्ष पूर्व रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट में बाएं घुटने में चोट लगी थी जिसके कारण मरीज के घुटने में लचक रहती थी और घुटना लॉक हो जाने की तकलीक रहती थीं । पीड़ित मरीज ने 10 दिन पहले ट्रोमा सेंटर में डॉ बी एल खजोटिया को दिखाया। डॉ बी एत खजोटिया ने क्लीनिकल जांच और रेडियोलॉजिकल जांच के बाद पाया कि घुटने का महत्वपूर्ण तंतु एसीएल और घुटने की दोनों गद्दीया फटा हुआ है। जिसके बाद मरीज का एसीएल पुननिर्माण और Meniscus मरम्मत का निर्णय लिया गया । फलस्वरूप पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में एसीएल पुननिर्माण नवीनतम तकनीक भीतर ही भीतर किया गया। जिसके पुरानी तकनीक की तुलना में बहुत सारे लाभ होते है
डॉ खजोटिया ने बताया कि “ऑल इनसाइड तकनीक” में मरीज कै शरीर से एक ही ग्राफ्ट (Semi- tendinais ) किया जाता जबकि पुरानी तकनीक में दो ग्राफ्ट लेने पडते है। डॉ खजोटिया ने बताया कि एक ही ग्राफ्ट लेने से मरीज के घुटने की क्षमता में कमी नहीं आती है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद तेजी से रिकवरी होती है। पुनर्वास तेजी से होता है। खेलकूद में जल्द सक्रियता हो जाती है। भविष्य में चोट लगने पर रिकवरी आसान हो जाती है।
ए.सी.एल. (अन्तः क्रूसिएट लिगामेंट) चोट
डॉ खजोटिया ने बताया कि ए.सी.एल. (ACL) घुटने का एक प्रमुख लिगामेंट है जो जांघ की हड्डी (फीमर) और पिंडली की हड्डी (टिबिया) को जोड़ता है। यह घुटने को स्थिर रखता है और आगे की ओर फिसलने से रोकता है। उन्होंने बताया कि ग्रेड I में (हल्की मोच): लिगामेंट खिंच जाता है, पर टूटा नहीं होता। ग्रेड II में (आंशिक रूप से फटना): कुछ रेशे फट जाते हैं, जिससे हल्की अस्थिरता होती है। ग्रेड III (पूर्ण रूप से फटना): लिगामेंट पूरी तरह से टूट जाता है, जिससे घुटना अस्थिर हो जाता है।
डा बी. एल खजोटिया की सफल आपरेशन टीम में डॉ संजय तंवर, नर्सिंग अधिकारी मेघराज जयपाल, निश्चेतन विभाग से डा अनिता पारीक और डां सगीता सेठिया शामिल रहे।.
(डॉ बी एल खजोटिया)
निदेशक, ट्रॉमा सेंटर बीकानेर मोबाइल 9414242811
