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बीकानेर। स्कूल से घर जा रहे छात्रों की स्कूटी को तेज गति से आई बस ने टक्कर मार दी, जिससे एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया जबकि दूसरे को मामूली चोटें आई। राहगीर उसे निजी वाहन में पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने छात्र को मृत घोषित कर दिया।
जेएनवीसी सीआइ महावीर बिश्नोई ने बताया कि धोबी धोरा निवासी रोहित (१५) पुत्र पंकज शर्मा बीकानेर बॉयज स्कूल (बीबीएस) में नौवीं कक्षा में अध्ययनत था। बुधवार करीब डेढ़ बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद वह अपने दोस्त के साथ स्कूटी पर घर जाने के लिए रवाना हुआ। इस दौरान थोड़ा आगे पहुंचते ही स्कूटी को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे रोहित नीचे गिर गया। वाहन का पहिया उसके सिर के ऊपर से गुजर गया। उसे गंभीरावस्था में पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम कराकर उन्हें सुपुर्द कर दिया। इस संदर्भ में मृतक के भाई की ओर से अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। जेएनवीसी सीआइ बिश्नोई ने बताया कि घटना के बाद अभय कमांड सेंटर में घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई, जिसमें हादसा बस से होना दिखाई दिया है।

मोर्चरी के आगे फूट-फूट कर रोया पिता
हादसे की सूचना मृतक रोहित के दोस्त ने घर जाकर दी। हादसे की खबर सुनकर घर वाले घबरा गए। वे दौड़कर पीबीएम के ट्रोमा सेंटर पहुंचे। यहां जब परिजनों को रोहित के मृत होने की सूचना मिली तो उनकी रुलाई फूट पड़ी। पिता पंकज शर्मा फूट-फूट कर रोने लगा। परिजनों व साथियों ने उसे संभाला। पिता की हालत खराब हो गई। वह रोते-रोते बेहोश हो गया।

अमानवीयता :- बस चालक टक्कर मारकर हुआ फरार
जोधपुर से बीकानेर आ रहे एक कार चालक ने बच्चे को पीबीएम अस्पताल पहुंचाया

बीकानेर। बीकानेर बॉयज स्कूल के छात्र के साथ हुए हादसे ने दो चेहरों को दिखाया। हादसे के बाद १५ वर्षीय रोहित सड़क पर लहूलुहान हालत में १२ मिनट तक तड़पता रहा लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। घटनास्थल पर मौजूद शहर के लोग फोटो खींचते रहे किसी ने उसे नहीं संभाला। दूसरा बीकानेर से अनजान जोधपुर का एक व्यक्ति घायल बालक को अपनी कार में पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर ले गया। अफसोस इस अनजान व्यक्ति की तमाम कोशिश बेकार गई जब चिकित्सकों ने बालक को मृत घोषित कर दिया।
रोहित सड़क पर लहूलुहान हालत में करीब १२ मिनट तक पड़ा रहा। लोग फोटो खींचने में और वीडियो बनाने में लगे रहे लेकिन उसे किसी ने नहीं संभाला। तब वहां से बीकानेर शहर से अनजान जोधपुर के चिमाणा ग्राम पंचायत का पूर्व सरपंच किशनलाल जाखड़ गुजर रहा था। वह उसे कार में डालकर पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पहुंचा।
प्रत्यक्षदर्शी किशनलाल की जुबानी…

घटनास्थल से वह करीब एक-डेढ़ किलोमीटर दूर था। वहां पहुंचा तो देखा एक बालक सड़क पर लहूलुहान हालत में पड़ा है। कोई मोबाइल से फोटो खींच रहा है तो कोई उसके आजू-बाजू से बचकर आगे निकल रहा है। तब उसने गाड़ी रोकी और वहां खड़े टैक्सी वालों से बालक को अस्पताल लेकर जाने की विनती की लेकिन किसी ने हामी नहीं भरी। करीब आठ-दस मिनट तक वह विनती करता रहा। आखिर में उसने अपनी कार को सड़क के बीचों बीच खड़ी कर दी। इसके बाद दो युवकों की मदद से घायल युवक को कार में डालकर पीबीएम के लिए रवाना हुआ। वह बताता है कि पीबीएम कहां है वह जानता नहीं था। पीबीएम में उसके जीजा रेवंतराम भर्ती है। वह उनसे मिलने के लिए जोधपुर से मंगलवार रात को ही बीकानेर आया था। दोपहर में पीबीएम जा रहा था लेकिन पीबीएम का रास्ता जानता नहीं था। साथ में एक लड़के को लिया। घटनास्थल से जब घायल बालक को कार मेंं लिटाया तो वह लड़का उतर गया। ऐसे में अकेला ही पीबीएम के लिए रवाना हो गया। रास्ते में दो बार पीबीएम जाने का रास्ता पूछा। म्यूजियम सर्किल पर पुलिस जवानों ने अस्पताल का रास्ता बताया।
आंखें भर आई जब डॉक्टर ने कहा…

किशनाराम ने बताया कि वह बालक को लेकर पीबीएम के ट्रोमा सेंटर पहुंचा। यहां पर्ची बनवाई। चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी भी इलाज मेें जुटे लेकिन दस मिनट बाद ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। तब तक बालक के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। बालक के मौत की खबर सुनकर एकबारगी आंखों से आंसू निकल पड़े। वह बालक को जानता नहीं था।
डॉक्टर बनना चाहता था, क्रिकेट का था शौकीन

रोहित के मामा विक्रम जोशी ने रुंधे गले से बताया कि रोहित पढऩे में होशियार था। घर में सबका लाडला था। उसके पिता निजी बैंक में नौकरी करते हैं। रोहित दिनभर उछल-कूद, साइकिल चलाने के साथ क्रिकेट का शौकीन था। वह पढ़-लिखकर डॉक्टर बनना चाहता था।
गली में पसरा सन्नाटा, छाया मातम

रोहित के दोस्त ने घर आकर हादसे की सूचना दी। तब से गली में सन्नाटा और घर में मातम छा गया। जिस घर में दोपहर तक खुशियां व हंसी-ठिठौली के ठहाके सुनाई दे रहे थे, वहीं अब रोने चीखने व चिल्लाने की गूंज थी। घर परिवार व मोहल्ले के लोग रोहित के माता-पिता व अन्य परिजनों को ढांढ़स बंधा रहे थे। दोपहर बाद जब रोहित का शव घर पहुंचा तो हाहाकार मच गया।

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