
बीकानेर,आज 5 के-कामराज मार्ग, नई दिल्ली स्थित विधि मंत्री आवास पर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री – भारत सरकार
अर्जुनराम मेघवाल से मुलाकात कर आपके समक्ष विधि एवं न्याय विभाग से संबंधित अधिवक्ता वर्ग की 5 मांग एवं 5 सुझावों रखे।
विधिक चर्चा में
1. मोटरयान दुर्घटना दावा अधिनियम _ संशोधन विधेयक – 2022 में लागू परिसीमा क्लॉज की समीक्षा करने
2. विधि एवं न्याय मंत्रालय – भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयो, समस्त जिला न्यायालयो, विभिन्न प्राधिकरणों, में मनोनीत अधिवक्ताओं के मानदेय जो 2015 से यथावत है में समयानुकूल बढ़ोत्तरी हो।
3,.विधि एवं न्याय मंत्रालय – भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयो, समस्त जिला न्यायालयो, विभिन्न प्राधिकरणों, में मनोनयन में महिला अधिवक्ताओं, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के वकीलों को संविधान में आरक्षण के प्रावधानों और जनसंख्या के अनुपात में यथोचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो।
4,. लोक सेवकों की पद के प्रति जवाबदेही की तर्ज पर संवैधानिक संस्थानों के प्रति गैर जिम्मेदारी पूर्ण रवैया वाले पेशेवरों यथा _ अधिवक्ता / C A / CMA की जवाबदेही की लक्ष्मण रेखा निर्धारित हो।
5,. न्याय प्रणाली को तकनीकी रूप से और अधिक सुदृढ़ ताकि पद- सोपान में अन्तिम पंक्ति में खड़े अर्थात अंत्योदय व्यक्ति को शासन के न्याय, समय पर निर्णय और प्रत्यक्ष-दर्शी न्याय का भान हो
केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अधिवक्ताओं के उक्त मांगो और सुझावों का तथ्यात्मक परीक्षण करवाने का आश्वासन दिया