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बीकानेर,सहारा इंडिया फाइनेंशियल कंपनी द्वारा निवेश की राशि समय पर वापस नहीं करने के मामले में उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, चतुर्थ, जयपुर ने बड़ा आदेश दिया है। मामला विजय सिंह सोलंकी बनाम सहारा इंडिया के नाम से दर्ज था।

आयोग ने सुनवाई के बाद सहारा इंडिया को निर्देश दिए कि वह शिकायतकर्ता को उसकी जमा राशि दस हजार रुपए नौ प्रतिशत ब्याज के साथ और मानसिक क्षति के लिए दस हजार रुपए और परिवाद खर्च के पांच हजार रुपए मुआवजा भी अदा करे।
आदेश में कहा गया है कि निवेशकों की रकम रोकना अनुचित व्यापार व्यवहार है और इससे आम जनता का विश्वास टूटता है।

परिवादी विजय सिंह सोलंकी की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता गोपाल सिंह ने बताया कि परिवादी ने वर्ष 2013 में सहारा इंडिया में निवेश किया था, लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बावजूद कंपनी ने भुगतान नहीं किया। इसके बाद परिवादी की तरफ से उपभोक्ता आयोग जयपुर में वाद दायर किया।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनियों को निवेशकों का धन रोकने या भुगतान टालने का कोई अधिकार नहीं है। आदेश में यह भी उल्लेख है कि निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं करने पर अतिरिक्त ब्याज देय होगा। परिवादी की तरफ से पैरवी एडवोकेट गोपाल सिंह सोलंकी ने की। इस निर्णय को निवेशकों के पक्ष में एक महत्वपूर्ण राहत माना जा रहा है।

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