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बीकानेर,चूरू,फिल्म निर्माता निर्देशक राजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बार बार कह रहे हैं कि वंचितों को लाभान्वित करो, लेकिन राजस्थान सरकार कुछ और ही कर रही है। देखिए राजस्थान में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं है। राजस्थान सरकार राजस्थानी भाषा की फिल्मों को अनुदान राशि तक जारी नहीं कर रही है। दुखद पहलू ये है कि खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी कुछ नहीं बोल रहे हैं। जबकि मोदी जी के कहे अनुसार कांग्रेस सरकार द्वारा वंचित रखी गई केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त राजस्थानी फिल्मों को अनुदान राशि जारी हो जानी चाहिए थी। आज तक इस सरकार ने एक भी राजस्थानी फिल्म को अनुदान नहीं दिया है। आखिर क्यों, इसी बात का किसी भी मंत्री या विधायक के पास कोई जवाब नहीं है। राजस्थान सरकार आँखें खोलने की कोशिश ही नहीं कर रही है। फिल्म निर्माता परेशान हैं। कई फिल्में अटकी हुई हैं। फिल्में अटकी हैं यानी रुपया भी अटका हुआ है। रुपया अटका है तो मानो सब कुछ अटका है। शेखावत ने कहा कि वंचित रहे फिल्म निर्माताओं की हाय का तो अशोक गहलोत और बी डी कल्ला साहब को पता चल ही गया है। दोनों अब पश्चाताप भी कर रहे हैं। यही बात आज भी लागू हो रही है। हम फिल्म निर्माता तो और सह लेंगे। हमारी यह सहनशीलता कह रही है कि कोई तो आयेगा या आयेगी जो वंचित रखी गई राजस्थानी फिल्मों की सुध लेगी। कांग्रेस की तरह अभी तो यह सरकार भी पतन के मार्ग पर दौड़ रही है। ऐसे में सरकार को सांस लेने की भी फुर्सत नहीं है।
देख लीजिए चूरू में एक दवा से बच्चे की मौत के मामले में राजस्थान की भाजपा सरकार को अपने बचाव का कोई तरीका नहीं दिख रहा था कि अब प्रदेश की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने से हादसे में कई मरीजों की मृत्यु हो गई। सरकार जश्न मनाने जैसा कार्य करती रही, यह अत्यंत ही दुखद समाचार है। भाजपा के इंकलाबी कार्यकर्ता कह रहे हैं कि हमारी पार्टी की सरकार है, इस कारण चुप बैठे हैं, वरना तो अब तक मुख्यमंत्री ने त्याग पत्र लिख दिया होता। कुल मिलाकर भाजपा की सरकार है वो तो कतई नहीं बोलेंगे। उधर कांग्रेस वाले भी संपर्क खराब होने के डर से चादर ओढ़कर सो गए हैं। कोई मरे या कोई मारे, वे चुप ही रहेंगे। उन्हें भी दिन निकालने हैं।
भाजपा के नेता भीतर ही भीतर सरकार (मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कई अन्य) से घुटन महसूस कर रहे हैं लेकिन इनके खिलाफ खुलकर खांसने की भी हिम्मत नहीं है उनकी। वे झुककर और किसी बड़े मौके का इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस वाले चाह रहे हैं कि भाजपा की सरकार गिर जाए और उन्हें सिकी सिकाई मिल जाए। यहां। भाजपा सरकार खुद मोदी जी की भावनाओं का सम्मान नहीं कर रही है।

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