
बीकानेर,गंगाशहर में स्थित राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में शरद पूर्णिमा के मौके पर इस बार भी औषधियुक्त खीर का वितरण होगा। इस बार केंद्र में 51 किलो की खीर बनाई जाएगी जो शरद पूर्णिमा की रात को अमृत वर्षा से सिंचित होगी और फिर उसे 7 अक्टूबर की सुबह आमजन को निशुल्क वितरित किया जाएगा।
राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र गंगाशहर के मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि इस केंद्र में विगत 50 सालों से औषधियुक्त खीर का निर्माण किया जाता है फिर उसे उसमें कई तरह की जड़ी बूटियां व औषधि मिलाई जाती है। खीर को चांदी के बर्तन में डालकर शरद पूर्णिमा की रात को प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की छत पर खुले आसमान तले रखा जाएगा। चूंकि शरद पूर्णिमा की रात को आसमान से अमृत वर्षा होती है तब यह खीर एक दवा का रूप धारण कर लेती हैं। उन्होंने बताया कि इस बार 6 अक्टूबर की शाम को 51 किलो की खीर बनाई जाएगी और उसमें तरह-तरह की जड़ी बूटियां भी मिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस खीर को 7 अक्टूबर की सुबह सबसे पहले भगवान धनवंतरी व हनुमान जी के भोग लगाया जाएगा फिर सुबह 7:30 राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र परिसर में ही आमजन को निशुल्क वितरण किया जाएगा।
केंद्र के मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि यह औषधियुक्त खीर दमा रोगियों के लिए रामबाण दवा के रूप में बनाई जाती है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि यदि वह दमा रोग से पीड़ित है या उन्हें सांस लेने में तकलीफ है तो वह इस खीर का सेवन जरूर करें क्योंकि यह खीर औषधि युक्त है और दमा रोगियों को बहुत बड़ी राहत पहुंचाती है। शर्मा ने बताया की खीर का वितरण पहले आओ- पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।