
बीकानेर,जयपुर,राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों का नया शैक्षणिक सत्र जुलाई के बजाय 1 अप्रैल से शुरू करने की कवायद पर संयुक्त अभिभावक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संघ ने इसे सिर्फ़ प्रोपेगेंडा करार देते हुए कहा कि यदि सरकार वास्तव में सरकारी स्कूलों में दाख़िले बढ़ाना चाहती है तो उसे अपनी नीयत और व्यवस्था में सुधार करना होगा, न कि केवल तारीख़ बदलने की कवायद।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा— *“सरकारी स्कूलों में दाख़िले तभी बढ़ेंगे जब सरकार गरीबों और ज़रूरतमंदों के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने की दिशा में काम करेगी। पहले स्कूलों की जर्जर इमारतें, शिक्षकों की कमी, पढ़ाई की गुणवत्ता और बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए। केवल सत्र बदलने से शिक्षा व्यवस्था मज़बूत नहीं होगी।”*
उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार गरीब परिवारों और जरूरतमंद बच्चों को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है। RTE प्रक्रिया के तहत चयनित विद्यार्थी पिछले 6 महीने से शिक्षा से वंचित हैं, लेकिन विभाग ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई।
अभिषेक जैन बिट्टू ने यह भी मांग रखी कि सरकार उन 46 निजी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करे जिन्हें RTE के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं देने पर अंतिम चेतावनी नोटिस जारी किया गया है।
संघ ने साफ कहा कि राजस्थान सरकार यदि वास्तव में सरकारी स्कूलों को मज़बूत करना चाहती है तो पहले जमीनी हक़ीक़त सुधारने की पहल करे, न कि केवल प्रोपेगेंडा करके जनता को गुमराह करने की।