
बीकानेर,सांस्कृतिक सृजन पखवाड़े के तहत राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी तथा संवित् शिक्षण संस्थान सी. सै. विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को विद्यालय परिसर में ‘विकसित भारत’ विषयक विद्यालय स्तरीय चित्रकला कार्यशाला व प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 12वीं तक के अस्सी विद्यार्थियों ने भाग लेकर विकसित भारत की परिकल्पना को रंगों के माध्यम से साकार करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में हुई देश की प्रगति को चित्रित किया। इससे पहले विषय विशेषज्ञों ने बच्चों को चित्रकारी के संबंध में मार्गदर्शन दिया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए राजकीय डूंगर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य व चित्रकला विभागाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रसिंह राजपुरोहित ने कहा कि चित्रकला कल्पना शक्ति को बढ़ावा देती है, इससे रचनात्मकता का विकास होता है, एकाग्रता में वृद्धि होती है व मानसिक स्पष्टता आती है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्डस् (पेंटिंग) में अपना नाम दर्ज करा चुकी चित्रकार मेघा हर्ष ने कहा कि चित्रकला अपनी भावनाओं व विचारों को शब्दों के बिना व्यक्त करने का एक अत्यंत प्रभावी माध्यम है। बच्चे पूर्ण रुचि से पेंटिंग सीखें, जिससे वे भविष्य में नामी चित्रकार बन सकेें।
संस्थान निदेशक राजसिंह टाक ने कहा कि चित्रकला के माध्यम से विद्यार्थी विभिन्न विषयों को गहराई से समझ कर उनको बेहतरीन रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं, चित्रकला उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक है। अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में शैक्षणिक व रचनात्मक दोनों गतिविधियां महत्त्वपूर्ण हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्थान सचिव डाॅ. अभय सिंह टाक ने कहा कि ऐसे आयोजनों से निश्चित रूप से बच्चों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास होगा। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में विजेता रहे विद्यार्थियों के नामों की घोषणा शीघ्र कर दी जाएगी।
इस अवसर पर संस्थान प्राचार्या शीतल कंवर, चित्रकला प्रभारी अंजू राठौड़, कैलाश टाक, स्वीटी भटनागर, शिवांगी शर्मा, पूजा गुलेरिया, राजेश लाॅट सहित विद्यालय स्टाफ व विद्यार्थी उपस्थित थे।