
बीकानेर,रोटरी क्लब ऑफ बीकानेर आध्या एवं रोटरी क्लब ऑफ बीकानेर मिडटाउन के संयुक्त तत्वावधान में रानीबाजार स्थित पार्क पैराडाइस में डांडिया रास का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे प्रतिभागियों ने गरबा और डांडिया की प्रस्तुतियों से वातावरण को उल्लास और भक्ति रस से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे मिडटाउन अध्यक्ष रोटेरियन रघुवीर झॅंवर, आध्या अध्यक्ष रोटेरियन दीपिका चौधरी, समाजसेवी बाबूलाल मोहता एवं किरण झॅंवर ने संयुक्त रूप से किया।
रोटरी क्लब बीकानेर मिडटाउन से शशि बिहानी, विमल चांडक, घनश्याम रामावत, नवरत्न अग्रवाल, महेंद्र गट्टानी, श्रीलाल चांडक, शेखर आचार्य, सुरेश राठी, हेमंत शर्मा और कैलाश सिंगी का विशेष सहयोग रहा। वहीं रोटरी क्लब बीकानेर आध्या से स्नेहा अग्रवाल, सुषमा मोहता, सीमा गट्टानी, श्यामा सिंगी, संध्या दमानी, वर्षा, विनीता सावनसुखा और दुर्गा राठी का भरपूर योगदान रहा।
मिडटाउन के सचिव रोटेरियन आलोक थिरानी ने बताया कि यह आयोजन बीकानेरवासियों को सांस्कृतिक धरोहर और उत्सवधर्मिता से जोड़ने का माध्यम बना। आध्या की सचिव रोटेरियन संगीता शेखावत ने कहा कि डांडिया नाइट में महिलाओं की पारंपरिक भागीदारी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। आध्या की वरिष्ठ सदस्य सीमा गट्टानी ने जानकारी दी कि आयोजन में अनेक श्रेणियों में प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य सहयोगी इरेक्स इंटरनेशनल और राजाराम धरनिया ऑटोमोबाइल रहे। इसके साथ ही बीकानेर के कई प्रतिष्ठित व्यवसायियों ने भी आयोजन हेतु अपना सहयोग प्रदान किया। रात्रि भर आगंतुक मेहमान गरबा और डांडिया की थाप पर थिरकते रहे। संगीत, स्वादिष्ट व्यंजन और रंग-बिरंगी सजावट ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। समस्त रोटरी क्लबों के सदस्यों ने बड़ी उत्सुकता से भाग लिया और देर रात तक डांडिया की धुनों पर झूमते रहे।
रोटरी क्लब बीकानेर मिडटाउन के अध्यक्ष रोटेरियन रघुवीर झॅंवर और रोटरी क्लब बीकानेर आध्या की अध्यक्ष रोटेरियन दीपिका चौधरी ने संयुक्त रूप से सभी अतिथियों, सहयोगियों, प्रायोजकों और रोटरी परिवार के सदस्यों का हृदय से आभार व्यक्त किया। पूर्व प्रांतपाल अनिल महेश्वरी ने कहा कि सभी के सहयोग से यह आयोजन सफल हो पाया और भविष्य में भी ऐसे सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम और भी भव्य स्तर पर किए जाएंगे। यह उत्सव बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनकर यादगार बन गया।