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बीकानेर,जम्मू-कश्मीर के पठानकोट से लेकर गुजरात के कांडला तक उत्तर से दक्षिण तक करीब 893 किलोमीटर लम्बा नेशनल हाइवे 15 पश्चिमी सीमा के. लिए अहम रहा है। यह हाइवे भारत पाक सीमा के सामान्तर राजस्थान में से गुजरता था।

ऐसे में विदेशी नागरिकों को बॉर्डर सीमा में प्रवेश प्रतिबंधित करने की सीमा रेखा के रूप में भी काम लिया जाता है। अब नेशनल हाइवे 15 के राजस्थान वाले हिस्से को एनएच 62, एनएच 11, एनएच 68 में बदला जा चुका है। नए नाम वाले तीनों हाइवे प्रवेश में अलग-अगल जिलों से भी होकर गुजरते हैं। ऐसे में अब पश्चिम सीमा पर विदेशी नागरिकों के प्रवेश को रोकने की सीमा रेखा को पहचाने की परेशानी पैदा हो गई है।

विदेशी ने पूछा कहां लिखा है प्रवेश वर्जित

3 जुलाई, 2018 को एक जर्मन नागरिक खाजूवाला क्षेत्र में सीमा पर पहुंच गया। एजेंसियों ने पकड़ कर जेआइसी की तो जर्मन नागरिक ने भी यह सवाल किया कि कहां लिखा है कि यहां से आगे सीमावर्ती क्षेत्र शुरू होता है और प्रवेश वर्जित है। इसके बाद जिला प्रशासन ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को सीमावर्ती उपखण्ड क्षेत्रों में कुछ जगह सूचना बोर्ड लगाने के लिए भी कहा।

बीएसएफ रखती है नजर

सीमावर्ती क्षेत्र में देश की सुरक्षा के दृष्टिगत विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगी हुई है। इसकी पालना के लिए सबसे अधिक सक्रिय एजेंसी सीमा सुरक्षा बल है। जिला प्रशासन भी समय-समय पर आदेश जारी कर सीमावती कोई नागरिकको जागरूक करती है ताकि भूल से भी विदेशी को आश्रय नहीं दे बॉर्डर की जीरो लाइन से 50 किमी का क्षेत्र बीएसएफ के अधीन है।

अभी यह है नियम

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम सीमा पर विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा रखी है। इसके लिए बॉर्डर एरिया में कही सीमा क्षेत्र 50 तो कही 100 किलोमीटर से अधिक तक है। राजस्थान में पश्चिम सीमा पर विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक का नियम लागू है। केवल विदेशी पर्यटकों को जिला प्रशासन या प्रदेश के गृह विभाग से अनुमति लेने पर इस प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने या होटल आदि में ठहरने की अनुमति है।

एक हाइवे था तो देशी विदेशी सब जानते

पहले भारत में आने वाले विदेशी नागरिकों और सीमावर्ती लोगों को बॉर्डर एरिया में नागरिकों के प्रवेश वर्जित क्षेत्र की पहचान आसानी से रहती थी। पठानकोट से कांडला तक नेशनल हाइवे 15 को माइल स्टोन के रूप में उपयोग किया जाता था। इस हाइवे के पश्चिम की तरफ विदेशी नागरिक के कदम रखने पर रोक थी। बाद में पंजाब से हाइवे के प्रवेश स्थल श्रीगंगानगर से लेकर बीकानेर तक के एनएच 15 का नाम बदलकर एनएच 62 कर दिया गया। नेशनल हाइवे 62 भी बीकानेर तक अने के बाद नागौर होकर जोधपुर की तरफ चला जाता है। बीकानेर से आगे जैसलमेर तक के एनएच 15 के हिस्से को एनएच 11 में मर्ज कर दिया गया। जैसलमेर से आगे बाड़मेर होकर गुजरात की तरफ जाने वाले नेशनल हाइवे को एनएच 68 में शामिल किया जा चुका है। अकेले राजस्थान में पश्चिम सीमा से तीन हाइवे एनएच 62, एनएच 11 और एनएच 68 लगते हैं।

तीन पड़ोसियों पर स्थाई प्रतिबंध

अफगानिस्तान,चीन और पाकिस्तानी नागरिक को पर्यटन अथवा प्रवास के लिए भी पश्चिमी सीमा क्षेत्र में घुसने की अनुमति नहीं है। इसके लिए जिला कलक्टर भी अनुमति नहीं दे सकते। वैसे भी विदेशी नागरिक को वीजा जारी करते समय उसमे पश्चिमी सीमा की तरफ जाने पर प्रतिबंध की शर्त को शामिल किया जाता है।

अनुमति मांगने पर परीक्षण कर करते है जारी

वही जिला कलक्टर,नमित मेहता का कहना है यह सही है कि नेशनल हाइवे के पश्चिम की तरफ विदेशी नागरिकों के प्रतिबंध का गृह विभाग का नियम लागू है। अब बीकानेर और इससे पहले जैसलमेर कलक्टर रहते भी इस तरह के मामले सामने आते रहे है। अब सुरक्षा एजेंसियों के साथ आगामी समन्वय बैठक में इस मुद्दे को भी रखेंगे। वैसे कोई विदेशी नागरिक अनुमति मांगता है तो उसका परीक्षण कर एसडीएम जारी करते हैं।

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