
बीकानेर.राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर की ओर से जारी आदेश जिसमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर द्वारा आयोजित कक्षा 10 एवं कक्षा 12 की बोर्ड मुख्य परीक्षा 2025 में लिखित परीक्षा (सैद्धांतिक परीक्षा) में 40 से कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्यात्मक अध्यापकवार चाही गई सूचना को लेकर अवगत करवाया है कि विभाग द्वारा जारी नवीन निर्देशों से प्रदेश के शिक्षकों में शिक्षा विभाग की भेदभावपूर्ण नीति को लेकर भारी रोष है।
संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने बताया कि संगठन द्वारा शिक्षा मंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया है कि वर्तमान परीक्षा व्यवस्था में 20 अंक सत्रांक के रूप में भेजे जाते हैं और 80 अंकों के लिए लिखित परीक्षा (सैद्धांतिक परीक्षा) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है।
वहीं सत्रांक के इन 20 में से भी 10 अंक तो केवल उपस्थित, प्रोजेक्ट, व्यवहार आदि के लिए दिए जाते हैं।
वर्तमान में 10 अंकों के लिए भी राज्य स्तर पर समान परीक्षा के माध्यम से एक ही प्रश्न पत्र से परीक्षा ली गई इसलिए मुख्य परीक्षा एवं विद्यालय परीक्षा के इन अंकों को अलग अलग गणना करना उचित नहीं है।
यह व्यवस्था राजकीय एवं निजी विद्यालयों के लिए समान रूप से लागू है।
*प्रदेश अध्यक्ष रमेश पुष्करणा* ने कहा कि निदेशक द्वारा राजकीय विद्यालयों के लिए जारी आदेश राजकीय विद्यालयों व शिक्षकों की प्रतिष्ठा को गिराने वाला है। उन्होंने बताया कि एक तरफ सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के नाम पर तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विभाग द्वारा अनगिनत गैर शैक्षणिक कार्यों (शालादर्पण, पोषाहार, विभिन जयंतियां आयोजन, प्रतियोगी परीक्षा आयोजन, बीएलओ, शिक्षक मोबाइल एप, विभिन्न प्रकार की छात्रवृतियां आदि) को लादकर शिक्षकों को उनके मूल शिक्षण कार्य से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। इस कारण शिक्षण में सुधार के प्रयास मात्र औपचारिकता रह जाते हैं। इससे शिक्षकों के साथ बालकों के साथ भी कुठाराघात हो रहा है।
जिलाध्यक्ष मोहन भादू, जिला मंत्री नरेन्द्र आचार्य ने बताया कि पिछले कई वर्षों के बोर्ड परीक्षा परिणाम में राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ने पर्याप्त स्टाफ के अभाव में भी श्रेष्ठ शिक्षण करवाते हुए श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम दिए हैं। संगठन का अभिमत है, की शिक्षा और शिक्षक हितों पर कुठाराघात करने वाले आदेश को निरस्त किया जाए।