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बीकानेर,राजस्थान विश्वविद्यालय,जयपुर के राजनीति विभाग द्वारा शिक्षा सत्र 2025–2026 में सामाजिक न्याय के प्रणेता महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारों को पाठ्यक्रम से निकालने के निर्णय पर मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण करवाते हुए शीघ्र हस्तक्षेप कर महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारों के अंश पुनः पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की गई है ।

ज्ञानतव्य है कि _
राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के राजनीति विभाग पाठ्यक्रम से सत्र 2025 – 2026 में हटाया गया है ।

विश्व विद्यालय की BOS और BOM की बैठक में ज्योतिबा फुले के विचार को शिक्षा सत्र 2025 – 2026 में बाहर रखने के संपूर्ण घटनाक्रम पर यूजीसी चेयरमैन को संज्ञान लेने हेतु ज्ञापन भी भेजा गया है।

समाज शास्त्री डॉ.अशोक भाटी ने ज्योतिबा फुले के विचारों की पाठ्यक्रम में पुनः जोड़ने की बीकानेर से मांग करते हुए सामाजिक न्याय के प्रणेता ज्योतिबा फुले भारतीय समाज के मान बिंदु बताया।

पत्र में महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारों को शिक्षा पाठ्यक्रम से हटाने बहुसंख्यक पिछड़ा वर्ग के आहत होने का हवाला है।

डॉ. अशोक भाटी ने महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले और सत्यशोधक समाज के विचारों को पाठ्यक्रम से हटाने को अविवेकपूर्ण और औचित्यहीन कदम बताते हुए निर्णय बदलने की मांग रखी है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. बैरवा को भी पत्र भेजकर ज्योतिबा फुले के विचारों को पुनः पाठ्यक्रम में शामिल करने की रखी मांग रखी गई है ।

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