
बीकानेर, कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की ओर से आयोजित हो रहे ‘सांस्कृतिक सृजन पखवाड़े‘ के तहत बुधवार को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी तथा बीकानेर महिला मंडल सी. सै. स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में ‘राजस्थानी महिला लेखन- दसा अर दिसा‘ विषयक लेखिका संगोष्ठी विद्यालय सभागार में आयोजित की गयी।
वरिष्ठ साहित्यकार सुधा आचार्य ने कहा कि नारी देश, समाज, परिवार की धुरी है और जो बदलाव-विसंगतियां दृष्टिगत होती हैं, लेखिकाएं उन्हें अपने लेखन में व्यक्त करती हैं। साहित्य की सभी विधाओं में राजस्थानी महिला रचनाकार अपनी कलम चला रही हैं। अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि राजस्थानी महिला रचनाकारों ने सशक्त साहित्य-सृजन किया है व युवा लेखिकाओं में भी बहुत संभावनाएं हैं। मीरांबाई ने अपने काव्य में नारी सशक्तीकरण का संदेश दिया, पद्मश्री लक्ष्मीकुमारी चूंडावत सहित अनेक लेखिकाओं ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को नई दिशा दिखाई।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मनीषा आर्य सोनी ने कहा कि राजस्थानी महिला लेखन का भविष्य उज्ज्वल है। लेखिकाएं वर्तमान मुद्दों, नवीन विषयों को भी अपने रचनाओं में शामिल करें। डॉ. इला पारीक ने कहा कि युवा लेखिकाएं वरिष्ठ साहित्यकारों से प्रेरणा लेकर राजस्थानी भाषा-साहित्य के विकास में योगदान दें। विनीता शर्मा ने कहा कि महिला रचनाकार सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध कलम चलाएं। अक्षिता जोशी ने युवा लेखिकाओं को अधिकाधिक मंच प्रदान किये जाने की आवश्यकता जताई। इस अवसर पर संजु कंवर, डॉ. मनस्विनी सोनी, अंजली टाक, रेणु प्रजापत ने भी विचार व्यक्त किये। केशव जोशी ने आभार प्रकट किया। इससे पूर्व विनीता शर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की तथा सुधा आचार्य ने शंखनाद कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में विद्यालय निदेशक गजेन्द्र सिंह राठौड़, योगेन्द्र कुमार पुरोहित, प्रियांशी, नीलम प्रजापत, कोमल जून, नानू कंवर, दीप कंवर, मंजु कंवर, जेस्मिन जेना, जोया आरजू, दीप्ति मोदी, आशा स्वामी, कान सिंह, रोहित स्वामी सहित विद्यालय स्टाफ, विद्यार्थी उपस्थित थे।