
बीकानेर,आंनद आश्रम में चल रही पाक्षिक श्री मद्भागवत कथा के अन्तर्गत आज सींथल पीठाधिस्वर श्री श्री 1008 महंत श्री क्षमाराम जी महाराज ने आज के प्रसंग में आत्मा के साथ परमात्मा का विवाह करना ही कृष्ण के साथ रुखमणि का विवाह है 12 वे दिन के कथा प्रसंग में महाराजी ने कहा कि रुक्मणी ने शिशुपाल को छोड़ कर भगवान श्री कृष्ण के साथ विवाह क्यो किया शिशुपाल एक संसारी जीव है संसारी जीव के साथ विवाह करना ये संसारी लोगो का काम है भक्त का समंध परमात्मा के साथ करना यानी आत्मा का समंध परमात्मा के साथ जुड़ना ही असली रुक्मणी ओर कृष्ण विवाह है ततपश्चात महाराजी नर बताया कि भगवान का विवाह सोलह हजार एक सौ आठ भगवान की सक्तिया ही इस्त्रियो का रूप लेकर भगवान के साथ विवाह किया और साथ ही एक संदेश दिया कि भगवान की लीला में हमे किए प्रकार की कोई शंका नही करनी चाहिए