
बीकानेर,बीकानेर में आज से सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। इस पावन अवसर पर परमहंस 108 डॉ. रामप्रसादजी महाराज (महंत, बड़ा राम धारा, भक्ति सूरसागर, जोधपुर) अपने मुख से कथा वाचन कर रहे हैं।
प्रथम दिवस की शुरुआत प्रातः 9 बजे लक्ष्मीनाथ मंदिर (विधायक अंशुमान के घर के सामने) से निकली भव्य कलश यात्रा से हुई। नगर की गलियों में निकली इस शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और वातावरण “हरे कृष्ण, हरे राम” के जयघोषों से गूंज उठा।
महाराज श्री ने कथा का आरम्भ श्रीगणेश, गुरु, भगवान श्रीहरि एवं श्रीमद्भागवत ग्रंथ की पूजन-अर्चना से किया। तत्पश्चात उन्होंने भागवत महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि – कलियुग में भागवत श्रवण ही सबसे सरल व श्रेष्ठ साधन है। इसके श्रवण से पापों का क्षय होता है और जीवन आनंद, शांति व भक्ति से परिपूर्ण हो जाता है।
नैमिषारण्य प्रसंग का वर्णन करते हुए महाराजश्री ने बताया कि शौनकादि ऋषियों ने सूतजी से प्रश्न किया था – कलियुग में जीव का कल्याण किससे होगा? इस पर सूतजी ने उत्तर दिया कि – केवल भगवान की कथा, उनका नाम और भक्ति ही कलियुग में मोक्ष का सच्चा मार्ग है। प्रथम दिवस की कथा ने श्रद्धालुओं को गहरे आध्यात्मिक भाव में डुबो दिया और आगामी दिनों के लिए उत्सुकता बढ़ा दी।