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बीकानेर, बाबू जी जरा संभल के चलना फिल्मी नगमे की तरह बीकानेर की सड़कें कुछ ऐसा ही बयां कर रही हैं। दीपावली से पहले जिला कलैक्टर नमित मेहता की ओर से दीपावली से पहले सड़कों व पाइप लाइनों के दुरुस्तीकरण के आदेश के बावजूद सड़कें कितनी दुरुस्त हुई है, उसी की बानगी है, ये गड्ढों वाली सड़कें। रही-सही कसर उसमें पाइप लाइन से रिसाव होकर एकत्रित हुए पानी ने पूरी कर दी है,जिसके कारण सड़कें आगे से आगे टूटती चली जा रही है। बीकानेर की सड़कों का आलम ये हैं कि कई स्थानों पर तो सड़कों के अवशेष तक नहीं बचे हैं।

ऐसे में उबड़-खाबड़ व गहरे गड्ढों वाली सड़कों पर हर वक्त बड़े हादसे की आशंका रहती है। बीकानेर में जहां मोहता सराय स्थित सिस्टर निवेदिता कॉलेज के आगे जलदाय विभाग द्वारा व्यर्थ बहता पानी जो गड्ढे में एकत्रित होकर आम लोगों को परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं कॉलोनियों से लेकर शहर की सड़कों का यही हाल है। गली- मोहल्लों में जगह-जगह से सड़कें टूटी पड़ी हैं। कहीं सड़कों से डामर गायब है, तो कहीं गहरे गड्ढे हो गए

हैं। कुछ ऐसा ही नजारा है, बीकानेर के आचार्यों की बगेची से लेकर जैन पुब्लिक स्कूल तक देखने को मिलेगा। लोगों का इन सड़कों से निकलना दूभर हो गया है, लेकिन नगर विकास न्यास,नगर निगम और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।

बता दें कि करोड़ों की लगात से इस सड़क का अब तक दो बार निर्माण हो चुका है। इसके बावजूद आज भी यह मार्ग बदहाल अवस्था में है, वहीं दूसरी ओर बीकानेर के पूर्व पार्षद सुनील बांठिया ने बताया कि चौखूंटी पुलिया चढ़ने से पहले कमला कॉलोनी मुख्य मार्ग की सड़क जैसे चेचक बीमारी जो वर्षों पहले होती थी,आज यह महामारी समाप्त हो चुकी हैं, लेकिन यहां शहर कमला कॉलोनी से पहले मुख्य मार्ग आज भी चेचक का रूप लिए हुए हैं। पूरी सड़क गड्ढों से भरी हुई है और गंदे पानी के नाले से निकलने वाले पानी से डटी हुई हर समय पड़ी रहती हैं। जो आज मच्छरों का आश्रय बन चुकी हैं। इस सड़क की सुध लेने वाला आज कोई नहीं है। इसका इलाज बीकानेर के नगर निगम प्रशासनिक अधिकारियों पास नहीं हैं, वह भी आज अपने आप में असहाय हैं।

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