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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं बाबा रामदेव मन्दिर सुथारान पंचायत भवन चोंखुटी मोहल्ला के संयुक्त संयोजन मे हो रही भागवत कथा के दुसरे दिवस बालसंत “श्रीछैल विहारी जी महाराज” के मुखारविंद से भागवत कथा वाचन हो रहा है।आज दुसरे दिवस की कथा वाचन करते हुए बालसंत जी ने सृष्टि संरचना की विस्तृत व्याख्या, महाभारत की अन्तिम घटनाओं पर उपदेश बतलाये।परिक्षित के जन्म व श्रंगी मुनि द्वारा शमिक मुनि के आश्रम मे राजर्षि परिक्षित को श्राप लगने तक की कथा,एवं भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को भागवत श्रवण कराने की कथा व सृष्टि संरचना की कथा सुनाई। तत्पश्चात भगवान शुकदेव का प्राकट्य व राजर्षि परिक्षित को मुक्ति हितार्थ शुकदेव जी द्वारा भागवत श्रवण करवाकर आत्मा व शरीर के भेद का ज्ञान करवाने की कथा बतलाई। तथा जीवन मे जाने अनजाने हुए पाप कर्मो से किस प्रकार भागवत श्रवण आश्रय मात्र से ही मुक्ति मिलती हे,के प्रसंगों की व्याख्या बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज ने विस्तृत रुप से बतलाई। उपरोक्त अवसर पर बाल संत श्री छैल बिहारी ने कहा कि किस प्रकार से जीव जब अपने कर्म एवं पथ से विमुख होकर जब कोई भी कार्य करता है,तो उसका पतन निश्चित ही होता है। जीवात्मा को सदैव अपने कर्तव्यों की पालना धर्म व कृत्व्यनिष्ठता पुर्वक करनी चाहिए।बालसंतजी ने कहा कि सदकर्म एवं कर्तव्य परायणता के अनमोल सिद्धांतों को सिखलाने वाला दिव्य शास्त्र है श्रीमद् भागवत। आज कथा पुर्व व्यास तिलक व श्रीमद भागवत पुजन व तिलक यजमान सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हरिकिशन जी नागल श्रीमति किरण देवी नागल द्वारा सप्तनिक जोडे सहित पुजन विधिपूर्वक करवाया गया।भागवत कथा में सेवाश्रम हेतु, दैवकिशन गैपाल, हरिकिशन नागल,ओमप्रकाश कुलरिया, समाजसेवी नवरत्न धामू,नितेश आसदेव,नंदनंदिनी पुरोहित,संपूर्ण कथा मैं व्यवस्था प्रभार “युवा पत्रकार हैमंत देराश्री व नृपेन हर्ष” आदि प्रमुख रूप से संभाल रहे हैं। उपरोक्त जानकारी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हरिकिशन नागल ने दी।

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