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बीकानेर,जाट धर्मशाला, रामदेवरा के सामने पहली बार आयोजित किये गए लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्रकुम्भ 2025 धीरे-धीरे अपने तय लक्ष्यों की प्राप्ति के नजदीक पहुँच रहा है। 01 अगस्त से 02 सितम्बर की इस 33 दिवसीय अवधि के लिए लगाए गए इस नेत्रकुम्भ महाजाँचशिविर के माध्यम से मरुप्रदेश के निवासियों व बाबा के दर्शनार्थ आये सभी वर्गों के जातरुओं की निःशुल्क नेत्रजाँच, चश्में व सर्जरी के माध्यम से सेवा की जा रही है।

जटिल व महंगे उपचार से मुक्ति :-

नेत्रकुम्भ में स्थापित की गयी मशीनों, विशेषज्ञ चिकित्सकों व हाथों-हाथ चश्में के माध्यम से प्रदेश के अति-पिछड़े क्षेत्रों से आये बाबा के भक्तों और क्षेत्र के निवासियों को आँखों की जाँच व उचित उपचार निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है जिससे वर्षों से आँखों की समस्याओं से परेशान लोगों को योग्य निदान प्राप्त हो रहा है और उनके जीवन में अति-उत्साह का संचार हो रहा है।

अत्याधुनिक मशीनें पहुँची रोगियों के द्वार :-

आँखों की जटिल समस्याओं से पीड़ित, महंगे इलाज को न करा पाने की मजबूरी और बड़े शहरों से दूरी के कारण क्षेत्र के असंख्य निवासी जानते हुए भी मजबूरीवश अपना उपचार नहीं करवा पा रही थी। ऐसे रोगियों को नेत्रकुम्भ में स्थापित याग लेज़र मशीन, टोनॉमिटर द्वारा निःशुल्क इलाज प्रदान किया गया ओर पीड़ा का निवारण किया जा रहा है।

विशेषज्ञ चिकित्सकों व तकनीशियनों की देखभाल :-

बाबा के जातरूओं की सच्चे मन से सेवा और उनको पीड़ा से मुक्ति दिलाना ही नेत्रकुम्भ के चिकित्सकों, तकनीशियनों, कार्यकर्त्ताओं और प्रबंधकों का धर्म बन गया है। नेत्रकुम्भ से जुड़ा प्रत्येक कार्यकर्त्ता रामायण की गिलहरी की तरह यही सोच कर दिन-रात लाभार्थियों की सेवा में लगा हुआ हैं। यही लोकदेवता बाबा रामदेवजी को सच्ची श्रद्धांजली है।

समाज के प्रत्येक आयाम तक नेत्रकुम्भ की पहुँच :-

बाबा रामदेवजी की समरसता और सर्वपंथ समभाव की सीख को अक्षरशः अपनाते हुए नेत्रकुम्भ में आये सभी लाभार्थियों को बिना कोई जाति, वर्ग और पंथ पूछे नेत्रजाँच और आरोग्य उपलब्ध कराया गया जिसकी बानगी ये है कि नेत्रकुम्भ में नेत्रजाँच करवाने हजारों की संख्या में प्रतिदिन प्रदेशवासी नेत्रकुम्भ में आ रहे है ओर विश्वस्तरिय सेवाओं का लाभ ले रहे है।

सीमा प्रहरियों की नेत्रजाँच ओर सेवा :-

देश के नागरिक शांति पूर्वक चेन से सो सके इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पूरे देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आये हमारे वीर सैनिक पहरा दे रहे है। उन सीमा प्रहरियों को भी नेत्र व्याधियों से मुक्ति मिले और उनके दृष्टिदोष दूर हो उसके लिए अत्याधुनिक नेत्रजाँच वेन के माध्यम से नेत्रजाँच टीम सीमा क्षेत्र में गयी। वहां चौकियों में मुस्तेदी से तैनात हमारे जवानों की विस्तार से नेत्रजाँच की गई और आवश्यक उपचार प्रदान कर ऑपरेशन सिंदूर में उनके पराक्रम को याद किया गया।

आयोजकों का ध्येय :-

सक्षम संस्था, सहयोगी संगठनों और राजस्थान सरकार के सहयोग से स्थापित इस 33 दिवसीय लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्रकुम्भ 2025 की आयोजन समिति की सभी क्षेत्रवासियों व जातरूओं से अपील है कि 2 सितम्बर को समापन से पूर्व एक बार महाजाँचशिविर मे अवश्य आयें और अपने अमूल्य नेत्रों की निःशुल्क जाँच कराएं, उचित देखभाल के लिए परामर्श प्राप्त करें और जरूरत के अनुसार निःशुल्क चश्मा प्राप्त कर आँखों की देखभाल करें। जिन रोगियों का पूर्व में मोतियाबिन्द का ऑपरेशन हो चुका है, जिनकी आँखों में काला पानी आ रहा है, जिनका मोतियाबिन्द पक गया है उन सभी के आवश्यक उपचार की व्यवस्था हेतु विभिन्न योग्य नेत्र चिकित्सालयों में उनको भेजा जा रहा है। जिसका सभी को लाभ उठाना चाहिए।

अतिथियों का आगमन :-

कौतूहल का विषय बने राजस्थान के इस पहले नेत्रकुम्भ महाजाँचशिविर को देखने प्रतिदिन अतिथियों व वरिष्ठ जनों का आगमन हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रान्त के संघचालक हरदयाल, क्षेत्रीय धर्म जागरण प्रमुख ललित शर्मा, भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त, राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य रहे व वर्तमान में कुलाधिपति सागर विश्वविद्यालय के कन्हैयालाल बैरवाल आज शिविर में पधारे ओर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और सेवाओं का लाभ उठाया।

कल दिनांक 26 अगस्त को 3179 लोगों का पंजीयन व परामर्श प्रदान किया गया, 2373 लाभार्थियों को निःशुल्क चश्में ओर 2076 रोगीयों को निःशुल्क दवाइयाँ प्रदान की गई।

 

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