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बीकानेर, नगर परिसद पर और अलवर धौलपुर |पंचायतीराज चुनाव में जीत का में असरअब पार्टी की राजनीति पर भी पड़ेगा। हालांकि अब और राजनीतिक नियुक्तियां और आगे खिसक सकता है।

उपचुनाव की जीत ने मुख्यमंत्री सोनागालको राजनीतिक रूप से देने के साथ अब सुरक्षित भी कर दिया है की अब कांग्रेस हाईकमान से इन फैसलों के लिए काफी हद तक फीड मिल सकता है।

सचिन की मांगों को अब जल्द पूरा करने पर संशय बन गए हैं। पायलटम मंत्रिमंडल राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन में बराबर की हिसेदारी चाहता है। पायलट कैप की मांगों को लेकर कमेटी में चर्चा हो चुकी है। राजनीतिक रूप मजबूत वे अपने खेमे के लिए ज्यादा लेने के में होग

उपचुनाव की जीत ने कई मंत्रियों को दी लाइफ लाइन

उपचुनाव को जीतने कई मंत्रियों को लाइफलाइन दे दी है। पहले जिन को मंत्री मंडल से बाहर करने को लेकर कयास थे उन को भी लाइफलाइन मिल गई है। जिन मंत्रियों के नाम हटने वालों में से उनमें से कुछ पायलट कैंप के निशाने पर अब यह भी हो सकता है। कि मुख्यमंत्री किसी को ड्रॉप किए बिना फेवत विस्तार हो करें हाईकमान के स्तर में हस्तक्षेप नहीं हुआ तो सीएम गहलोत अपने और अपने फॉर्मूला से मंत्री मंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्ति करेंगे।

उपचुनाव और दो जिलों में प्रमुख प्रधान चुनाव की जीत के बाद सीएम अशोक गहलोत मजबूत हुए हो, लेकिन इससे कांग्रेस में खींचतान ने के आसार है। सडर से लेकर राजनीतिक नियुक्तियों में अपनी हिस्सेदारी की मांग प्रमुखता से रखेगा। तो फिसला फिर अटक सकता है। नी करके पक्ष में हैं। पालमा अपनी मांगे नहीं लड़ेगा। सियासी संतुलन नहीं बनने की बात में दोनों खेमों की खिचतान और सकती है।

गहलोत खेमे के विधायकों का भी मंत्री बनने के लिए बराबर दबाव

समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायक और गहलोत के काग्रेस विधायक भी मंत्री पद के लिए करोगी लगातार लॉपिंग कर रहे हैं। अगर ज्यादा विधायकों को सरकार में के लिए दवा भी दावा करे चुनाव के बाद काफी बढ़ा है।

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