Trending Now




बीकानेर,नई दिल्ली. वायु प्रदूषण दुनिया में मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण है। यह हर दिन सैकड़ों जिंदगियां छीन रहा है। वायु प्रदूषण गैर संचारी रोगों के खतरे को 80 फीसदी बढ़ा रहा है। दुनिया में सबसे अधिक मौतों का कारण हाई ब्लड प्रेशर है। दूसरे नंबर पर तम्बाकू खाने और तीसरे पर गलत खानपान के कारण होने वाले रोगों से मौतें हो रही हैं। यह खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन की वार्षिक वायु गुणवत्ता रिपोर्ट और स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 की रिपोर्ट से हुआ है। सबसे खराब हवा गुणवत्ता के मामले में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर हैं, लेकिन एशिया में उसकी गिनती बांग्लादेश व पाकिस्तान के बाद आती है। भारत में पीएम 2.5 की सांद्रता 5.2 गुना अधिक है। इसकी अधिकता से फेफड़े तथा श्वसन, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा सबसे अधिक रहता है। उधर, एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि दिल्ली की हवा सिगरेट के धुएं से ज्यादा हानिकारक हो गई है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से दिल्ली के लोगों का जीवनकाल काफी कम हो गया है।

दिल्ली: प्रदूषण की रोकथाम के लिए पानी का छिड़काव

नई दिल्ली में लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने शनिवार को वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया।

20 फीसदी बढ़ा रहा शिशु मृत्यु दर

वायु प्रदूषण से हृदय रोग, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फेफड़ों के कैंसर और श्वसन संक्रमण से सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। यह बच्चों की रोग प्रतिरोधकता, मस्तिष्क विकास, फेफड़ों की कार्य क्षमता को प्रभावित कर रहा है। शिशु मृत्यु दर को 20 फीसदी बढ़ा रहा है।

Author