
बीकानेर,रांका परिवार की सुश्राविका रचना रांका ने अपने मासखमण तप पर सेवा केन्द्र व्यवस्थापिका साध्वीश्री विशदप्रभाजी एवं साध्वीश्री लब्धियशाजी व अन्य साध्वीवृंद के दर्शन किए। साध्वीश्री विशदप्रभाजी ने कहा कि रांका परिवार धर्मसंघ के प्रति समर्पित हैं। तपस्या में बड़ी शक्ति है। यह आत्मशक्ति, गुरु शक्ति की प्रबलता से ही संभव है। साध्वी श्री लब्धियशाजी ने तपस्वी रचना के तप अनुमोदना करते हुए कहा कि तपस्या में कोई कम्पीटिशन, वादा, प्रलोभन कुछ नहीं चलता, आत्मबल प्रबल हो तभी तपस्या संभव है। सेवा केन्द्र की साध्वीवृंदों ने ‘तपस्या की महिमा’ गीतिका का संगान किया। तपस्वी रचना रांका ने तेरापंथ भवन में मुनिश्री कमलकुमारजी व मुनिश्री श्रेयांस कुमार के भी दर्शन किए। समाजसेवी हनुमानमल रांका ने बताया कि आचार्यश्री महाश्रमणजी के आशीर्वाद व साध्वी जिनबालाजी एवं साध्वी करुणाप्रभाजी की प्रेरणा से रचना रांका धर्मपत्नी मनीष रांका एवं सूरजमल-विमला देवी रांका की पुत्रवधू ने मासखमण तप किया है। रांका ने बताया कि 24 अगस्त को पारणा होगा तथा तप अनुमोदन का कार्यक्रम भी आयोजित होगा।