
बीकानेर,रामदेवरा में चल रहे लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्र कुम्भ 2025 के अन्तर्गत आज का दिन इतिहास में अंकित होने लायक रहा। सक्षम संगठन ने अपने राष्ट्रसेवी संकल्प को चरितार्थ करते हुए पहली बार बीएसएफ के उन जवानों तक नेत्र चिकित्सा सेवा पहुँचाई, जो पाकिस्तान से लगती अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर दिन-रात देश की रक्षा में सन्नद्ध रहते हैं। आज सुबह दिल्ली से आई एक विशेष आधुनिक नेत्र चिकित्सा से सुसज्जित वैन रामदेवरा से निकलकर सीमा की ओर रवाना हुई। इस वैन में सभी अत्याधुनिक नेत्र जाँच उपकरण और अनुभवी विशेषज्ञ मौजूद थे। यह वैन सीधे 17 सीमा चौकियों तक पहुँची और वहाँ तैनात लगभग 250 बीएसएफ जवानों की आँखों की जाँच, परामर्श और उपचार किया गया।
इस ऐतिहासिक पहल में सीमाजन कल्याण समिति राजस्थान प्रदेश महामन्त्री एवं नेत्र कुम्भ रामदेवरा के महामन्त्री खेताराम लीलड़, ट्रान्सविज़न कंपनी के सुरेश कुमार, मिस्बाह और सक्षम के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. हजारी राम का विशेष समन्वय और मार्गदर्शन रहा।
जाँच के समय कई जवानों की दृष्टि सम्बन्धी समस्याएँ सामने आईं। तत्काल उन्हें उचित दवाइयाँ और चश्में वितरित किए गए, साथ ही भविष्य में आँखों की देखभाल हेतु परामर्श भी प्रदान किया गया।
राष्ट्रसेवा की नई पहल:–
नेत्र कुम्भ आयोजन समिति के महासचिव खेताराम लीलड़ ने कहा –
“सक्षम संगठन का उद्देश्य केवल तीर्थ यात्रियों तक ही सीमित नहीं है। सीमा पर तैनात हमारे जवान देश की ढाल हैं। उनकी आँखें स्वस्थ रहेंगी तो वे और अधिकता सतर्कता से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चौकसी कर पायेंगे। आज यह सेवा उनके द्वार तक पहुँचाना हम सभी के लिए गर्व का विषय है।”
वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. हजारी राम ने बताया :–
“सीमा चौकियों पर जाकर जाँच करने का अनुभव बहुत भावुक करने वाला रहा। कई जवान वर्षों से आँखों की समस्याओं से जूझ रहे थे लेकिन सुविधाओं के अभाव में इलाज नहीं करा पाए। सक्षम संगठन का यह प्रयास उनकी आवश्यकता को वहीं पूरा करता है जहाँ वे तैनात हैं।”
वहीं, ट्रान्सविज़न कंपनी के प्रतिनिधि सुरेश कुमार व मिस्बाह ने कहा –
“यह पहल ‘नेत्र चिकित्सा आपके द्वार’ की सच्ची परिभाषा है। हमारे जवानों की आँखों की सेहत ही उनकी सतर्कता की गारंटी है। सक्षम ने इस कार्य से न केवल सेवा की है बल्कि देशप्रेम की नई शुरुआत की है।”
सीमाओं तक पहुँची सेवा:–
यह पहली बार है जब नेत्र कुम्भ की सेवाएँ सैंकड़ों किलोमीटर दूर अन्तर्राष्ट्रीय सीमा तक पहुँचाई गई है। यह प्रयास यह सिद्ध करता है कि सक्षम संगठन केवल शिविर स्थल तक सीमित नहीं है, बल्कि जहाँ आवश्यकता है, वहाँ तक पहुँचना ही इसका वास्तविक उद्देश्य है।
नेत्रजाँच बना महाअभियान :-
सक्षम संगठन का यह अनूठा अभियान इस बात का उदाहरण है कि चाहे तीर्थयात्री हों या देश के प्रहरी, नेत्र चिकित्सा की यह रोशनी सब तक पहुँचनी चाहिए।
जिस बीज का अंकुरण 673 साल पहले लोकदेवता बाबा रामदेव जी मारवाड़ की धरा पर किया था उसीका सशक्त पर्याय बन गया है रामदेवरा में चल रहा नेत्रकुम्भ।
1 अगस्त से लेकर 2 सितम्बर तक जाट धर्मशाला के सामने संचालित हो रहे इस महाजाँचशिविर मे कार्यकर्त्ताओं की निःस्वार्थ सेवा से बाबा का प्रत्येक श्रद्घालु गद्गद है।
नेत्रजाँच ओर आवश्यकता के हिसाब से उपयुक्त चश्में ओर परामर्श का दायरा नेत्रकुम्भ तक सीमित न होकर पूरे मरुप्रदेश तक फैल गया है। समर्पित कार्यकर्त्ता बसों, एम्बुलेंस यहाँ तक कि अपने दुपहिया वाहनों पर जातरुओं को लेकर आ रहे है और जाँच करवा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों की नेत्रजाँच हो और नेत्रकुम्भ में स्थापित सेवाओं का लाभ सभी को प्राप्त हो इसके लिए सेवाभावी कार्यकर्त्ता प्राणपण से जुट हुए हैं।
नेत्रकुम्भ आयोजन में जुटे सभी कार्यकर्त्ताओं की सभी प्रदेशवासियों से अपील है कि वे नेत्रकुम्भ में पधारें और अपने अनमोल नेत्रों की जाँच कराकर अपने नेत्रों के स्वास्थ्य व हिफाजत का इंतजाम करे।
कल दिनांक 21 अगस्त को 3099 लोगो का पंजीयन हुआ, 3035 की नेत्रजाँच व परामर्श, 2454 लाभार्थियों को निःशुल्क चश्में ओर 2186 रोगियों को दवाइयां प्रदान की गई।